रूद्रधाम पर हुआ भंडारे के साथ में नवकुंडात्मक महायज्ञ का समापन, खड़ली में हुआ भव्य आयोजन

रेहटी। रेहटी तहसील के प्रसिद्ध तीर्थ रूद्रधाम पर चल रहे नवकुंडात्मक महायज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया। इस दौरान भंडारे का भी आयोजन हुआ। इधर रेहटी तहसील के गांव खड़ली में भी दुबे परिवार के नेतृत्व में गुरू परिवार द्वारा महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान दमोह के पथरिया से पधारे आदरणीय सरकार द्वारा यहां पर चार पहर की पूजा, अभिषेक कराया गया। इस दौरान यहां पर मंडलों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गईं।
121 ब्राह्म्णों की उपस्थिति में हुआ आयोजन-
रूद्रधाम पर नवकुंडात्मक महायज्ञ समापन के अवसर पर महायज्ञ में पधारे ब्राह्म्णों को दक्षिणा देकर उनकी विदाई की गई। नवकुंडात्मक महायज्ञ 1008 श्री परमानंद परमहंसजी महाराज एवं 108 श्री बजरंगगिरीजी महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। इस दौरान 117 जोडे़ महायज्ञ में यजमान के रूप में शामिल हुए। महायज्ञ में 121 ब्राह्म्णों की उपस्थिति में प्रतिदिन शिवलिंग निर्माण एवं विभिन्न पुराणों का वाचन कराया गया। महाभिषेकाचार्य पंडित जीवनलाल शास्त्री के मार्गदर्शन में कराया गया। महायज्ञ में श्रीराम कथा का श्रवण पंडित गीताप्रसादजी शर्मा ने किया। नवकुंडात्मक महायज्ञ के दौरान महाशिवरात्रि पर रूद्रधाम पर भगवान महाकाल का निर्माण किया गया। इस दौरान उनका अभिषेक, पूजा हुआ तो वहीं भस्म आरती भी की गई। महाशिवरात्रि के अवसर पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। दूर-दूर से लोगों ने आकर भगवान के दर्शन किए एवं नवकुंडात्मक महायज्ञ में शामिल होकर अपने जीवन का धन्य मनाया। आयोजन समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मालवीय ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रूद्रधाम पर भव्य नवकुंडात्मक महायज्ञ का आयोजन किया गया। आयोजन समस्त क्षेत्रवासियों के सहयोग से कराया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में यहां पर श्रद्धालु-भक्त आते हैं। इस दौरान यहां पर नर्मदा पुराण, शिवपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण सहित अन्य पुराणों का वाचन भी होता है। प्रतिदिन शिवलिंग निर्माण होता है एवं उनका अभिषेक, पूजन के साथ आरती की जाती है। इसके अलावा यजमानों द्वारा महायज्ञ में आहूूतियां डाली जाती हैं। 28 फरवरी शुक्रवार को महायज्ञ का समापन भंडारे के साथ में हुआ।
महाशिवरात्रि पर हुई चार पहर की पूजा, अभिषेक-
रेहटी तहसील के ग्राम खड़ली में महाशिवरात्रि के अवसर पर एडवोकेट सुनील दुबे परिवार के नेतृत्व में गुरू परिवार द्वारा भव्य आयोजन रखा गया। इस दौरान चार पहर की पूजा, अभिषेक हुआ तो वहीं भजनों की प्रस्तुति भी दी गई। यहां पर व्यास पीठ से आदरणीय सरकार के मार्गदर्शन में अभिषेक हुआ। इस दौरान माहौल पूरी तरह से भक्तिमय नजर आया। शाम 6 बजे से पूजा, अभिषेक की शुरूआत हुई। इस दौरान सुबह तक पूजा-अर्चना, भजन चलते रहे। आयोजन पूरी तरह से पारिवारिक एवं गुरू परिवार द्वारा रखा गया था। ग्रामीणों सहित आसपास के क्षेत्र के लोगों ने पहुंचकर दर्शन लाभ लिया। यहां पर प्रसिद्ध भजन मंडल द्वारा एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां दी गईं।