न घर के रहे न घाट के, सीहोर के टप्पर मोहल्ला के 80 घरों को बताया अवैध, नपा और पंचायत दोनों ने झाड़ा पल्ला

सीहोर। शहर के इंदिरा नगर वार्ड क्रमांक 2 स्थित टप्पर मोहल्ला के रहवासी इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। लगभग 80 परिवारों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया है क्योंकि नगर पालिका परिषद अब उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर रही है, वहीं समीप की ग्राम पंचायत ने भी उन्हें अपने क्षेत्र में शामिल करने से मना कर दिया है। मंगलवार को समाजवादी पार्टी की जिलाध्यक्ष इंदिरा भील के नेतृत्व में बड़ी संख्या में रहवासियों ने जनसुनवाई में पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
पीडि़त नागरिकों का कहना है कि यह स्थिति समझ से परे है। पूर्व में इसी टप्पर मोहल्ला के निवासियों को नगर पालिका परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय योजना जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा चुका है। लेकिन चुनाव बीतते ही अब प्रशासन और पार्षद द्वारा इन 80 घरों को अवैध घोषित कर दिया गया है। रहवासियों का आरोप है कि उनका मोहल्ला राजस्व रिकॉर्ड में गोया भूमि के रूप में दर्ज है, इसके बावजूद पार्षद ने निजी हितों के चलते उनके मोहल्ले के ठीक सामने एक नई कॉलोनी को सारी सुविधाएं दे दीं और टप्पर मोहल्ला को उपेक्षित छोड़ दिया।
नरकीय जीवन जीने को मजबूर 80 परिवार
टप्पर मोहल्ला में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। मोहल्ले में न तो सीसी सडक़ें हैं और न ही पीने के साफ पानी की व्यवस्था। नालियां न होने के कारण घरों का गंदा पानी कच्ची सडक़ों पर बह रहा हैए जिससे बीमारियां फैल रही हैं। रहवासियों ने बताया कि स्ट्रीट लाइटें हमेशा बंद रहती हैं और बिजली कटौती की समस्या बनी रहती है। नगर पालिका की कचरा गाड़ी मोहल्ले में नहीं आती और न ही कोई सफाईकर्मी पहुंचता है। गंदगी के कारण हर घर में दो से तीन लोग बीमार हैं। दिव्यांगों और बुजुर्गों का बारिश के समय घर से निकलना भी दूभर हो जाता है।
सीमा विवाद में उलझा नागरिकों का हक
रहवासी जब अपनी फरियाद लेकर नगर पालिका जाते हैं तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि क्षेत्र नपा सीमा में नहीं है। वहीं जहांगीरपुरा पंचायत का तर्क है कि यह क्षेत्र शहरी सीमा में आता है। इस खींचतान के बीच 80 परिवारों का भविष्य अधर में लटका है। नागरिकों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो वे चक्काजाम, भूख हड़ताल और उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
ये रहे मौजूद
ज्ञापन सौंपने वालों में सपा जिलाध्यक्ष इंदिरा भील के साथ देव राय, बबीता लोधी, बाबू भील, चिंता विश्वकर्मा, पवित्रा बैरागी, पूनम खरे, गायत्री भील, राजेश, नानू, तुलसा बाई, सुखमा बाई, माया नामदेव, रीना राठौर, रामनारायण, सतीश नाथ, बसंती बाई, ओमकार यादव, ललित यादव सहित बड़ी संख्या में मोहल्लेवासी शामिल थे।

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