भोपाल। प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उनके साथ में उप मुख्यमंत्री बनाए गए राजेंद्र शुक्ला एवं जगदीश देवड़ा ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले उज्जैन पहुंचकर बाबा महाकाल के दरबार में हाजिरी लगाई एवं पूजन-अर्चन किया। पूजन-अर्चन पं. राजेश पुजारी, पं. आकाश पुजारी, पं. यश गुरू, पं. अर्पित पुजारी, पं. राघव पुजारी, पं. महेश पुजारी आदि ने करवाया। नंदी हॉल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम एवं अपर कलेक्टर एवं प्रशासक संदीप सोनी ने भगवान महाकाल का चित्र प्रतीक स्वरूप भेंट किया। इस अवसर पर उज्जैन उत्तर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
उज्जैन हेलीपेड पर हुआ आत्मीय स्वागत-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल में शपथ ग्रहण करने के बाद पहली बार उज्जैन पहुंचे। यहां पर हेलीपेड पर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री की अगवानी की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत पुष्पगुच्छ और पुष्पमाला भेंट कर किया गया। हेलीपेड पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, संभागायुक्त डॉ.संजय गोयल, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, अपर कलेक्टर प्रीति यादव, सीईओ जिला पंचायत मृणाल मीना, एडीएम अनुकूल जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ये निकाला पहला आदेश-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कामकाज भी शुरू कर दिया। उन्होंने मंत्रालय पहुंचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद काम शुरू किया। इस दौरान उन्होंने पहला आदेश धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डीजे) का उपयोग को लेकर निकाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की जांच के लिए सभी जिलों में उड़नदस्ते गठित किए जाएंगे। मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थल और अन्य स्थानों पर मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधानों तथा सर्वाेच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत लाउड स्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जांच के लिए सभी जिलों में उड़नदस्ते नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है, का निरीक्षण करेंगे तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 3 दिन में जांच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। उड़नदस्तों में जिला प्रशासन द्वारा नामित अधिकारी, संबंधित थाने का प्रभारी तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नामित अधिकारी सदस्य रहेंगे। जिले के समस्त उड़नदस्तों का नोडल अधिकारी एक जिला अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी स्तर का अधिकारी होगा, जिसे जिला कलेक्टर द्वारा नामित किया जाएगा। धर्म गुरूओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाकर जहां इन नियमों और निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है, जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा कर पालन प्रतिवेदन आगामी 31 दिसंबर तक गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग) पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउड स्पीकरों, डीजे आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेंगे। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।