कलेक्टर का भी खौफ नहीं! 100-200 कदमों की दूरी पर ड्राइवर चला रहा था दफ्तर

SEHORE NEWS : सीहोर। जिला मुख्यालय पर स्थित कलेक्ट्रेट परिसर, जहां जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं, वहां से महज 100-200 कदम की दूरी पर एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां के ई.पंजीयन कार्यालय में तैनात जिला पंजीयक प्रेम नंदन सिंह की जगह उनका ड्राइवर पिछले एक महीने से सरकारी दफ्तर चला रहा था।
जानकारी के मुताबिक पंजीयन अधिकारी प्रेम नंदन सिंह भोपाल में मीटिंग में थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उनके निजी व्यक्ति रवि ने सरकारी कुर्सी संभाल ली थी। रवि ने न केवल सरकारी सिस्टम को खोला बल्कि वह जिला पंजीयक की आईडी और ओटीपी का इस्तेमाल करके आधिकारिक काम कर रहा था।
दलाली और मनमानी का खुला खेल
इस दौरान ड्राइवर रवि सर्विस प्रोवाइडरों से दलाली की मांग भी करता था। आरोप है कि जिन सर्विस प्रोवाइडरों ने उसकी बात नहीं मानी, उनके 25 से ज्यादा लाइसेंस उसने रद्द कर दिए। सर्विस प्रोवाइडर दीपक वर्मा और विक्रांत सेन ने आरोप लगाया है कि यह सब जिला पंजीयक के संरक्षण में चल रहा था। उनका कहना है कि जो दलाली नहीं देता, उसकी फाइल रोक दी जाती है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद जनता में भारी आक्रोश है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब कलेक्ट्रेट परिसर में ऐसा हो सकता है, तो आम लोगों के साथ कितना अन्याय होता होगा।
मुरैना में भी उठे थे सवाल
पंजीयन अधिकारी प्रेम नंदन सिंह की संदिग्ध कार्यशैली कोई नई बात नहीं है। जब वह मुरैना में तैनात थे, तब भी उन पर निजी कर्मचारियों से सरकारी काम कराने का आरोप लगा था। उस समय फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में उनसे जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए थे. अब सीहोर में इस मामले ने एक बार फिर उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए।

मामला सामने आने के बाद कलेक्टर बालागुरु के. ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

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