सीहोर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अब बुधनी विधानसभा से विधायक नहीं रहे। दरअसल लोकसभा चुनाव में विदिशा संसदीय सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद वे केंद्र में मंत्री बनाए गए हैं। इसी कारण उन्होंने विधायक पद से अपना इस्तीफा दिया। श्री चौहान ने विधानसभा पहुंचकर अपना इस्तीफा सौपा है। इस दौरान उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि आज मैंने मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। मैं बुधनी से विधायक था और बुधनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे रोम-रोम में रमती है, मेरी हर सांस में बसती है। मैंने बुधनी से ही अपने सार्वजनिक जीवन का प्रारंभ किया था। बचपन से ही आंदोलन किए और फिर जनता का प्यार लगातार मिलता चला गया। इसी बुधनी विधानसभा क्षेत्र से मैं छह बार विधायक रहा, सांसद के चुनाव में भी छह बार इस जनता ने भारी बहुमत से मुझे जिताया। पिछला विधानसभा का चुनाव मैंने रिकॉर्ड 1 लाख 5 हजार वोटों से जीता था और अभी लोकसभा में इसी जनता ने मुझे 1 लाख 46 हजार वोटों से जिताया। बुधनी की जनता की सेवा मैंने पूरे मन से की है, क्योंकि जनता की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है और इस जनता ने भी मुझे भरपूर प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया है। जनता के इस प्यार पर मेरा पूरा जीवन न्यौछावर है और अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ मैं जनता की सेवा में लगा रहूंगा। अपने प्राणों से प्रिय जनता को बारंबार प्रणाम!
ये है शिवराज सिंह चौहान की बायोग्राफी –
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को हुआ। उनके पिता का नाम प्रेमसिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान थीं। उन्होंने भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्त की। सन् 1975 में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोपाल (मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल) के छात्रसंघ अध्यक्ष बने आपातकाल का विरोध किया और 1976-77 में भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन किए और कई बार जेल गए। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे। वर्ष 1992 में उनका साधना सिंह के साथ विवाह हुआ, जिनसे दो पुत्र हैं।
राजनीतिक करियर –
सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। सन् 1975 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्यप्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए। 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री के रूप मे कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्यमंत्री रहे।