
सीहोर। श्रीसत्य सांई यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस सीहोर द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में फंसा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि बीएससी नर्सिंग के प्रथम वर्ष के करीब 71 छात्र-छात्राएं बिना आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउसिंल) की बिना मान्यता के यहां पर पढ़ाई कर रहे हैं। प्रबंधन द्वारा लगातार इन बच्चों को गुमराह किया जाता रहा कि बस मान्यता आने ही वाली है, लेकिन जब मान्यता नहीं आई और बच्चों ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन की मंशा को भांप लिया तो उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर हंगामा मचाया, विरोध-प्रदर्शन किया। अब प्रबंधन ने छात्र-छात्राओं को यह फरमान सुना दिया है कि जो भी यूनिवर्सिटी में नहीं पढ़ना चाहता है तो वह टीसी ले जाए। छात्र-छात्राओं की मांग है कि उन्होंने अब तक जो फीस भरी है वह भी उन्हें वापस की जाए, लेकिन प्रबंधन ने इस मांग को सिरे से नकार दिया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री को नहीं देने दिया ज्ञापन-
30-30 हजार रुपए जमा की थी फीस-
छात्र-छात्राओं ने बताया कि बीएससी नर्सिंग कोर्स करीब साढ़े चार साल का होता है। इस कोर्स की सालाना फीस 60 हजार रुपए है। यहां पढ़ने वाले प्रथम वर्ष के लगभग सभी छात्र-छात्राओं ने 30-30 हजार रुपए फीस जमा करवा दी थी। बताया जा रहा है कि कई विद्यार्थी ज्यादा फीस भी जमा कर चुके हैं। अब विद्यार्थियों की मांग है कि यूनिवर्सिटी के पास आईएनसी की मान्यता नहीं है और इसके कारण स्कॉलरशिप भी नहीं दी जा रही है। तीन साल से किसी भी नर्सिंग विद्यार्थी को स्कॉलरशिप नहीं मिली है। ऐसे में जब यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप भी नहीं मिल रही है तो फिर इन्हें फीस क्यों दी जाए। इस संबंध में एक अभिभावक सत्येंद्र राठौर ने बताया कि छात्रों को शिक्षा मंत्री से मिलने नहीं दिया गया। छात्र अपनी समस्याओं से शिक्षा मंत्री को अगवत कराना चाहते थे। छात्रों को गुमराह कर एडमिशन दिया गया है, अब उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है।