
सुमित शर्मा, सीहोर।
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इस समय प्रदेश के साथ ही सीहोर जिले में भी सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत जहां पुलिस द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैैं तोे वहीं वाहन चैकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। पुलिस द्वारा नगरीय क्षेत्रोें में वाहन चैकिंग के लिए बेरीकेेट्स लगाकर गाड़ियों के पेपर चेक किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस के इस जागरूकता अभियान में कहीं न कहीं प्रभावशाली लोग अड़ंगा बने हुए हैं। दरअसल पुलिस नियमों को ताक पर रखकर वाहन चलाने वालों कोे रोकती है तो वे गाड़ी से उतरतेे ही तपाक से अपने किसी प्रभावशाली व्यक्ति, नेताजी
सीहोर जिले में सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत पुलिस द्वारा यातायात नियमोें कोे लेकर वाहन रैलियां निकाली जा रही हैं, जगह-जगह पोस्टर लगाए जा रहे हैैं, बैंकों, ढाबोें, होटलों सहित सार्वजनिक स्थानोें पर पंपलेट्स बांटे जा रहे हैं। वाहन चालकों से अपील की जा रही है कि वे नियमोें के साथ एवं हेलमेेट व सील्ट बेेल्ट लगाकर ही अपनेे वाहन चलाएं। इसके साथ ही पुलिस द्वारा वाहन चैकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। वाहन चैकिंग के दौरान विशेेषकर हेलमेट, सील्ट बेल्ट एवं लाइसेंस सहित अन्य पेपरों की जांच की जा रही है। ज्यादातर वाहन चालक इन नियमोें का पालन नहीं करतेे हुए वाहन चला रहे हैं। ऐेसे में पुलिस द्वारा जब इनको रोककर इनसे पेपर मांगे जाते हैं तोे वे तपाक से अपने किसी प्रभावशाली व्यक्ति, नेताजी को फोन कर देते हैं और बिना कार्रवाई केे ही पुलिस से छूटकर निकल जाते हैं।
पुलिस के सामने चुनौती, कैसे टाॅरगेट पूरा करें-
पुलिस को वाहन चैकिंग का लक्ष्य भी दिया जाता है, जिसको पूरा करना होता है, लेकिन पुलिस टीम के सामनेे यह भी परेशानी है कि वे अपना लक्ष्य कैसे पूरा करें। सूत्रों की मानेें तो छोटे शहरोें में पुलिस को प्रतिदिन 30 चालानी कार्रवाई के टाॅरगेट दिए गए हैं। इसी तरह जिला मुख्यालय सहित तहसील मुख्यालयों के लिए भी अलग-अलग टाॅरगेट हैं। पुलिस टीम द्वारा इन टाॅरगेट को पूरा करने केे लिए जब चैकिंग की जाती हैै और वाहन रोककर उनकी जांच की जाती है तोे उसमें से ज्यादातर वाहन चालक किसी प्रभावशाली व्यक्ति को फोन लगाकर बिना कार्रवाई के बचकर निकल जाते हैं। पुलिस यदि 10 गाड़ियोें को रोकती हैै तोे उसमें से बमुश्किल एक व्यक्ति पर ही कार्रवाई कर पाती है। 9 वाहन चालक तो ऐसे होते हैैं जो अपना प्रभाव दिखाकर निकल जाते हैं।
बताते हैं नियम, पुलिस से पूछते हैैं क्यों कर रहे कार्रवाई-
वाहन चैकिंग के दौरान जब पुलिस एक गाड़ी पर बैठे तीन-तीन युवाओें कोे रोकती है तोे वे पुुलिस कोे ही नियम बताने लगतेे हैैं। कई बार तोे पुलिस से ही पूछते हैैं कि वे उन पर कार्रवाई क्यों कर रहे हैं? ऐसे में पुलिस को सख्ती करनी पड़ती है। ज्यादा सख्ती करतेे हैैं तोे नेताओें की धौंस दी जाती है कि वेे भलां व्यक्ति के आदमी हैं। ऐसे में पुलिस के सामने बेहद गंभीर परेशानियां आ जाती हैं।
इधर हुआ सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर-
छात्र-छात्राओं को दी गई यातायात नियमों की जानकारी-