
सीहोर। आगामी दिनों में आने वाली पितृमोक्ष अमावस्या एवं नवरात्रि की तैयारियों को लेकर मां बिजासन धाम सलकनपुर में बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान कलेक्टर बालागुरू के. एवं एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने अधिकारियों को जरूरी व्यवस्थाओं को लेकर दिशा-निर्देश दिए। इधर लगातार बारिश के चलते बुधनी अनुभाग के अधिकारियों को टेंशन है। दरअसल पितृमोक्ष अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग नर्मदा तट आंवलीघाट आते हैं। इस दौरान यहां पर भूतों का मेला भी लगता है। दूर-दूर से आने वाले लोगों के लिए यहां पर प्रशासन को पार्किंग सहित अन्य व्यवस्थाएं जुटानी पड़ती है, लेकिन इस समय क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में पार्किंग स्थल भी गीले हैं तो वहीं खेतों में भी फसलें लगी हुई हैं। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सामने वाहनों की पार्किंग की सबसे बड़ी चुनौती है।
22 सितंबर से शुरू होगी नवरात्रि –
कलेक्टर एसपी ने दिए इन व्यवस्थाओं के निर्देश –
बैठक में कलेक्टर बालागुरू के. ने पार्किंग, पेयजल, साफ-सफाई तथा पर्याप्त बिजली व्यवस्था के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के आगमन तथा निर्गमन की सुगम व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने, इमरजेंसी के लिए फायर बिग्रेड की व्यवस्था, मेला स्थल पर दुकानों को व्यवस्थित ढंग से लगवाने तथा मेले के बेहतर प्रबंध के निर्देश दिए। एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों को सभी मुख्य स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए, ताकि यातायात व्यवस्था किसी भी प्रकार से बाधित न हो। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान अधिकारी-कर्मचारी किसी भी स्थान पर यातायात बाधित होने पर तुरंत यातायात को सुचारू बनाए। मंदिर प्रांगण में रोपवे का निरंतर संचालन होता रहे, ताकि अधिक से अधिक लोगों का आवागमन हो सके।
महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाएं हेल्थ कैंप –
कलेक्टर ने कहा कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ कैंप लगाए जाएं, जिससे श्रद्धालुओं को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में कोई परेशानी न हो, इसके लिए मुख्य स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाया जाए। मंदिर परिसर में कन्ट्रोल रूम बनाया जाए, ताकि ड्यूटी के दौरान सभी अधिकारी-कर्मचारी सतत संपर्क में रहें। श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, मुख्य स्थानों पर अस्थाई शौचालय भी स्थापित किए जाए।
आंवलीघाट का किया निरीक्षण-