धान खरीदी का खुला खेल : 1200 रुपए में किसानों से खरीदी और अब समर्थन मूल्य पर बेचकर कमा रहे करोड़ों

- मिलीभगत से हो रहा धान खरीदी में लंबा घोटाला, वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है मामला, लेकिन नहीं हुई अब तक कार्रवाई

रेहटी। रेहटी तहसील में समर्थन मूल्य पर चल रही धान खरीदी में लंबा खेल चल रहा है। किसानों से 1200 रुपए क्विंटल में धान खरीदकर अब इसे समर्थन मूल्य 2040 रुपए में बेचा जा रहा है। एक क्विंटल धान पर 800 रुपए से अधिक की कमाई करके करोड़ों के बारे-न्यारे किए जा रहे हैं। इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक भी शिकायतें पहुंची हैं। मीडिया द्वारा भी मामला संज्ञान में लाया गया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ नहीं किया गया। रेहटी तहसील के धान खरीदी सेंटरों पर होशंगाबाद के वेयर हाउसों में रखी हुई धान को लाकर बेचने का मामला सामने आया है। होशंगाबाद जिले से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रालियां धान की आकर रेहटी तहसील के खरीदी केंद्रों पर खपाई गई है। यह काम लंबे समय से चल रहा है। अब तक हजारों क्विंटल धान बाहर से लाकर बेची जा चुकी है। यदि वेयर हाउसों की जांच की जाए तो यह खेल बड़े पैमाने पर सामने आएगा।
मामले को रफा-दफा करने की तैयारी-
होशंगाबाद जिले से धान लाकर सीहोर जिले की रेहटी तहसील में खपाने के मामले को अब रफा-दफा करने की भी तैयारियां हैं। बड़े स्तर पर चल रहे इस खेल में अब राजनीति एवं प्रशासनिक स्तर पर मामले को दबाने की तैयारियां की जा रही हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत सामने आ रही है।
व्यापारियों एवं दलालों ने भी बेच डाली धान-
धान खरीदी के इस खेल में व्यापारी सहित दलाल भी शामिल हैं। व्यापारियों ने मंडियों में पहले किसानों से 1200-1300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद ली। अब किसानों से औने-पौने दामों पर खरीदी गई इस धान को समर्थन मूल्य पर बेच दिया गया है। व्यापारियों ने धान खरीदी कार्य में लगे विभागों के अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ करके ऐसे किसानों के खातों पर धान बेच डाली, जिन्होंने धान की बोवनी ही नहीं की थी। कई किसानों ने ऐसी धान की किस्म बोई थी, जो उन्होंने अच्छे दामों पर बाजार में बेच दी। अब इन किसानों के खातों में बाहर से लाई गई धान को बेच दिया गया। इसके एवज में किसानों को भी कुछ राशि दे दी गई, ताकि उनका भी लाभ हो जाए।
इनका कहना है-
धान खरीदी के कार्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि ऐसी स्थितियां हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी।
– प्रवीण सिंह, कलेक्टर, जिला सीहोर