
सीहोर। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में चल रही सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारियोें एवं पटवारियोें की अनिश्चिकालीन हड़ताल के कारण जहां सोसायटियों के माध्मय से बंटने वाला खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है तो वहीं पटवारियों की हड़ताल से मूल, आय, जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने सहित राजस्व एवं चुनाव संबंधी कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि अब तक शासन स्तर से कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में इनकी अनिश्चिकालीन हड़ताल भी कब तक चले कोई तय नहीं है।
रक्षाबंधन रहेगा फीका, किसानों की भी होगी फजीहत-
ये हैं इनकी मांगें-
– प्रभारी संस्था प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, लिपिक, विक्रेता, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कनिष्ठ विक्रेता, भृत्य एवं चौकीदार के वेतनमान विसंगति कोे दूर किया जाए।
– कर्मचारियोें की महापंचायत की तारीख तय हो।
– जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 60 प्रतिशत केेडर भर्ती के आदेेश जारी कर कर्मचारियोें कोे इसका लाभ दिया जाए।
नहीं बन रहे प्रमाण-पत्र, राजस्व संबंधी कामकाज भी ठप्प
ये हैं पटवारियोें की प्रमुख मांगे-
– पटवारियों कोे वर्ष 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान केे अनुसार ही वर्तमान में वेतन दिया जा रहा है।
– विगत 25 वर्षों में प्रदेश के पटवारियों के वेतनमान में कोेई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि पटवारियों से पूरे सेवाकाल में कार्य लेने वाले राजस्व विभाग एवं उसकी पदस्थापना वाले भू-अभिलेख विभाग के राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख के वेतनमान में कई बार वृद्धि की जा चुकी है।
– पटवारी वेतनमान पे ग्रेड-2800 के लिए भी वर्ष 2007 पटवारी महाअधिवेशन सनावद में घोषणा की गई थी। उस समय राजस्व मंत्री द्वारा लिखित में भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन इसकेे बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया।
– समयमान वेतन प्रदेश के पटवारियों को ग्रेड-पे के सापेक्ष समयमान वेतन दिया जा रहा है, जबकि विधि अनुसार पद के सापेेक्ष समयमान वेतन प्रति 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिया जाना चाहिए। जबकि प्रदेश में पटवारी संवर्ग को समयमान वेतन पद के सापेक्ष ना होकर पे-ग्रेड के सापेक्ष में दिया जाता है।
– पटवारियोें कोे पदोेन्नति भी नहीं दी जा रही है। जबकि विगत कुछ माह पूर्व राजस्व विभाग के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक के पदों को पदोेन्नत करते हुए डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार पर पदोेन्नति दी गई है, लेकिन प्रशासन की रीड की हड्डी मानेे जानेे वाले पटवारी पद के साथ भेदभाव करके पदोेन्नति सेे वंचित रखा गया है।
– विगत दस वर्षों से अधिक समय से पटवारी केे किसी भत्तेे में भी कोई वृद्धि नहीं की गई है। पटवारियों द्वारा राजस्व से संबंधित कामकाज के अलावा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओें के कार्य भी किए जाते हैं। पटवारी संघ ने गृह भाड़ा भत्ता (अन्य कर्मचारियोें के अनुसार वेेतन का निर्धारित प्रतिशत), अतिरिक्त हल्के का भत्ता 10 हजार रूपए, यात्रा भत्ता 3 हजार रूपए, अन्य विभागों केे कार्य हेतु भत्ता 5 हजार रूपए, मोबाइल एवं डाटा भत्ता एक हजार रूपए एवं कार्यालय भत्ता 2 हजार रूपए की मांग महंगाई के अनुसार की है।
इनका कहना है-
पटवारियों की हड़ताल से कामकाज तो प्रभावित हो रहे हैैं, लेकिन आरआई कोे रिकार्ड दे दिए गए हैं, ताकि जरूरी कामकाज हो सके। कोशिश है कि तहसीलों में आने वाले लोगों को परेेशानियां न हो।
– राधेश्याम बघेल, एसडीएम, बुधनी
सहकारी समितियों के कर्मचारी सहित प्रभारी प्रबंधक हड़ताल पर हैं। उनकी कई मांगे हैं, जो राज्य शासन स्तर से होना है। हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित भी हो रहा है, लेकिन मांगोें पर अमल करने का काम राज्य शासन स्तर से होना है।
– रघुवीर मालवीय, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, रेहटी