
सीहोर। शहर के छावनी सब्जी मंडी स्थित जगदीश मंदिर में सात दिवसीय श्रीशिव महापुराण कथा का आयोजन चल रहा है। इसमेें प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा एवं भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत, नगर परिषद अध्यक्ष जसपाल अमीता अरोरा भी पहुंचे। इस दौरान उन्होेंने मंच पर पहुंचकर आरती, पूजन किया। जसपाल अमीता अरोरा ने कथा व्यास पंडित मनोज कृष्ण आचार्य से आशीर्वाद भी लिया। इस अवसर पर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं… भजन भी सुनाया। संगीत और भजन के मिलन के बाद यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान के जयकारें के साथ जमकर भक्ति भाव के साथ नृत्य किया। कथा के दौरान समस्त महाकाल भक्त मंडल के द्वारा पंडित श्री मिश्रा का सम्मान भी किया गया।
आचार्य पंडित मनोज कृष्ण ने शिव महापुराण के दौरान जालंधर राक्षस का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक समय में जालंधर नामक राक्षस से सभी दुखी थे। वह हर किसी को परेशान कर रहा था। सभी देवताओं ने इसकी जानकारी भगवान शंकर को दी, जिस पर भगवान शंकर खुद जालंधर नाम के राक्षस से यु़़द्ध करने के लिए पहुंचे। भगवान शंकर से जालंधर का युद्ध हुआ, मगर वे भी राक्षस को नहीं हरा पाए। भगवान विष्णु ने ध्यान लगाकर देखा कि राक्षस की धर्मपत्नी वृंदा उसकी मूल शक्ति थी। वृंदा एक पतिव्रता नारी थी। भगवान विष्णु ने धोखे से जालंधर का रूप धारण कर जालंधर की पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग कर दिया। इससे राक्षस की शक्ति कम हो गई और भगवान शंकर ने उसका वध कर दिया। यही राक्षस अगले जन्म में रावण बना और उसकी पत्नी वृंदा मंदोदरी हुई। भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया। मां लक्ष्मी ने सीता का अवतार लिया। पिछले जन्म का बदला लेने के लिए रावण ने सीता का हरण कर उसका बदला लिया। इसी के साथ प्रसंग समाप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि शिव महापुराण सुनने मात्र से ही वंश में वृद्धि होती है। महापुराण कल्प वृक्ष के समान है, जो जिस कामना के साथ सुनता, वह कामना पूरी होती है। शिव जब अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं तो वह उसे सब कुछ प्रदान कर देते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी बड़े प्रयास की जरूरत नहीं है। वह तो केवल सच्ची श्रद्धा और भक्ति के अधीन हैं।