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पटवारी ने भुलाया कांग्रेसियों का अपमान! मुख्यालय से 40 किमी दूर आष्टा में दिखाया दम

सीहोर। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अपने सीहोर जिले के दौरे के दौरान जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का केंद्र बन गए हैं। एक ओर जहां उन्होंने आष्टा मंडी में किसानों के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने जिला मुख्यालय पर 1 सितंबर को हुए राजनीतिक विवाद और अपने कार्यकर्ताओं के अपमान को नजरअंदाज कर दिया।
1 सितंबर को जिला मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यालय के सामने बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई थी। इस घटनाक्रम में बीजेपी नेताओं की शिकायत पर एक कांग्रेस नेता पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जबकि अपमानित महसूस कर रहे जिले के कांग्रेसियों ने अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज कराने के लिए दो बार मशक्कत की और एसपी के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
नहीं मिला प्रादेशिक नेताओं का साथ
इन सवा महीनों के दौरान उन्हें प्रादेशिक स्तर के किसी भी कांग्रेस नेता का साथ नहीं मिला। ऐसे में जब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी जिले के दौरे पर आए तो कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि वह मुख्यालय आकर उनका मनोबल बढ़ाएंगे। हालांकि पटवारी जिला मुख्यालय न आते हुए 40 किलोमीटर दूर आष्टा पहुंचे।
आष्टा में किसानों के मुद्दे पर गरजे पटवारी
आष्टा में जीतू पटवारी ने कृषि उपज मंडी के आकस्मिक दौरे पर किसानों से चर्चा की। किसानों ने बताया कि 4 एकड़ जमीन वाले किसान को भी सिर्फ 4 क्विंटल सोयाबीन हुआए जो 3950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिका, जिससे उसे मात्र 16 हजार रुपये मिले। इस पर पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की कि किसानों को भावांतर योजना में उलझाने की बजाए, सरकार सीधा उनके खाते में 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की नगद राशि डाले। उन्होंने घोषणा की कि यदि सरकार यह राशि देती है तो वह मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री का नागरिक अभिनंदन करेंगे। उन्होंने समर्थन मूल्य 5328 रुपये से कम पर सोयाबीन खरीदे जाने पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि किसान की लागत तीन गुना बढ़ गई है, जबकि आय दोगुनी नहीं हुई।

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