
सीहोर। भैरुंदा थाना क्षेत्र के भादाकुई गांव की एक नाबालिग लडक़ी को बहला फुसलाकर अगवा किए जाने के मामले में पुलिस की धीमी कार्रवाई से नाराज परिजनों और सामाजिक संगठन के लोगों ने भैरुंदा थाने के सामने धरना दिया। घटना 25 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी और लडक़ी का कोई सुराग न मिलने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
नाबालिग लडक़ी के परिजनों ने पहले ही भैरुंदा थाने में लिखित आवेदन देकर पुलिस से तत्काल लडक़ी की तलाश करने की मांग की थी। पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने पर गुरुवार दोपहर करीब 4 बजे यदुवंशी समाज के लोगों ने परिजनों के साथ मिलकर थाने के सामने धरना शुरू कर दिया। धरने पर बैठने से पहले सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने एसडीओपी रोशन कुमार और तहसीलदार सौरभ शर्मा को एक आवेदन पत्र सौंपकर हड़ताल पर बैठने की स्वीकृति प्रदान करने की मांग की थी।
पुलिस कार्रवाई पर खड़े किए सवाल
यदुवंशी समाज के जिलाध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर को समाज की बेटी को एक असामाजिक तत्व भगा ले गया। पांच दिन बाद भी लडक़ी का कोई पता नहीं चल पाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन की कार्रवाई बेहद धीमी गति से चल रही है, जिससे उन्हें डर है कि लडक़ी को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया जा सकता है। जिलाध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही लडक़ी को बरामद नहीं किया गया और आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे आगे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
पुलिस बोली- तलाश जारी है
इस मामले पर एसडीओपी रोशन कुमार जैन ने धरने पर बैठे लोगों को आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस की टीम लगातार लडक़ी की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही लडक़ी को सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।