
सीहोर-रेहटी
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पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या पर सीहोर जिले के आंवलीघाट नर्मदा तट पर भक्तों का सैैलाब उमड़ पड़ा। शनिवार रात 12 बजे के बाद से शुरू हुआ नर्मदा स्नान रविवार को भी देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने नर्मदा में डुबकी लगाई। इससे पहले एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओें के आने का क्रम शुरू हुआ, जो रातभर चलता रहा। इस दौरान सुरक्षा को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन का अमला भी सक्रिय रहा। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, सीईओ जिला पंचायत हर्ष सिंह, एसडीएम बुधनी राधेश्याम बघेल, एएसपी गीतेश गर्ग, रेहटी तहसीलदार केएल तिलवारी, बुदनी तहसीलदार आशुतोष शर्मा, एसडीओपी बुदनी शशांक गुर्जर, नायब तहसीलदार रेहटी जयपाल शाह उइकेे, रेहटी थाना प्रभारी अरविंद कुमरे, रेहटी नगर परिषद सीएमओ वैभव देशमुख सहित राजस्व विभाग के आरआई, पटवारी सहित बुदनी, रेहटी का अन्य अमला भी रतजगा करता रहा। कलेक्टर-एसपी सहित अन्य अधिकारी रातभर जागकर लोगों की सुरक्षा में तैनात रहे। पल-पल की जानकारी लेतेे रहे, ताकि किसी प्रकार की कोई घटना-दुर्घटना न हो। नर्मदा में जलस्तर अधिक होेने के कारण पुलिस, राजस्व अमला, गोताखोरों सहित होमगार्ड जवानों की सुरक्षा के बीच में लोगों कोे नर्मदा में स्नान कराया गया। इससे एक दिन पहले भी अधिकारियोें ने आंवलीघाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था एवं जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे।
पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या का पौराणिक महत्व-
सलकनपुर से आंवलीघाट वन-वे-
पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या पर श्रद्धालु-भक्तों की सुविधा को लेकर इस बार पुलिस ने सलकनपुर से आंवलीघाट मार्ग को वन-वे कर दिया। जो लोग सलकनपुर से आवंलीघाट पहुंचे उन्हें यदि आंवलीघाट से बुदनी जाना है तोे श्रद्धालुओें कोे नीलकछार वाले मार्ग से जाना पड़ेगा औैर यदि उन्हें आंवलीघाट से रेहटी-नसरूल्लागंज जाना है तो मरदानपुर जोड़ से होते हुए रेहटी आना होगा।
गांजिद घाट को किया प्रतिबंधित-
आंवलीघाट नर्मदा तट के समीप स्थित गांजिद घाट कोे इस बार स्नान के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल गांजिद घाट पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके लिए इस बार गांजिद घाट कोे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल इस बार नर्मदा नदी में पानी ज्यादा है। इसकेे लिए पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। इसके लिए इस बार सख्ती के साथ निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा सीहोर जिले के अन्य नर्मदा तटोें पर भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवानोें को तैैनात किया गया है। इसके अलावा गोताखोरोें एवं होमगार्ड जवानोें कोे भी नर्मदा घाटों पर लगाया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर वे वहां उपलब्ध रह सकें।
आंवलीघाट पर रात में लगा भूतोें का मेला-
पितृमोेक्ष अमावस्या से एक रात पहले आंवलीघाट पर भूतों का मेला भी लगता है। इसकोे भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन रात को यहां पर जिन लोगोें कोे भूत-पलीत की शिकायत रहती है उन्हें यहां पर लाया जाता हैै एवं नर्मदा मेें स्नान कराया जाता है। यह भूतोें का मेला वर्षों से लगता आ रहा है। शनिवार को भी देर रात यहां पर भूतों का मेला लगा। कई लोगोें ने यह नजारा अपनेे सामने देखा तो कई लोग इससे डरते भी नजर आए। कहा जाता है कि जिन लोगों कोे भूत-पलीत एवं बाहरी बाधाओें की शिकायत होती है वे यहां पर स्नान करने केे लिए आते हैैं औैर उससे मुक्त भी होते हैं।