बेटी की मौत का कारण जानने पुलिस ने उठाई अस्थियां, पिता चढ़ा था मोबाइल टॉवर पर
पुलिस ने मर्ग कायम कर शुरू की जांच, 7 वर्षीय परी की स्कूल में हो गई थी तबीयत खराब
सीहोर। लोग अपनी समस्या लेकर प्रशासन के पास ही जाते हैं और यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो वह हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं या आवेदन ज्ञापन देकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हैं। लेकिन सीहोर जिले के खमालियां में सोमवार-मंगलवार की रात को एक किसान ने अपनी बात प्रशासन के कानों तक पहुंचाने के लिए नया तरीका अपनाया और वह मोबाइल टावर पर चढ़ गया। रात 2 बजे मोबाइल टावर पर चढ़ने वाले किसान ने अपनी आपबीती बताई।
सीहोर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ग्राम खमालिया। यहां रहने वाले किसान मुकेश मेवाड़ा हंसी-खुशी से अपने परिवार के साथ जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन शनिवार को उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मुकेश मेवाड़ा ने बताया कि रोजाना की तरह उसकी 7 वर्ष की बेटी ग्राम के ही सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए घर से गई। वह कक्षा दूसरी में पढ़ती थी, लेकिन स्कूल में भोजन करने के लगभग 2 घंटे बाद उसे उल्टियां होने लगी तो स्कूल के टीचरों ने उसे घर भेज दिया। घर आकर भी उसने उल्टियां की। बालिका की तबीयत बिगड़ते देख उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसका इलाज किया और कुछ जांच भी कराई। मुकेश ने बताया कि इलाज के दौरान ही उसकी मासूम बेटी की मौत हो गई। मुकेश बताते हैं कि डॉक्टर ने उसका पोस्टमार्टम नहीं किया और लाश परिवार के सुपुर्द कर दी। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया।
थाने गया, लेकिन नहीं हुई सुनवाई-
उन्होंने बताया कि वह बेटी की मौत का कारण जानने के लिए सबसे पहले दोराहा थाने गए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी। उनको बेटी की मौत का काफी गम है और परिवार में मातम छाया हुआ है। सभी लोग परिवार में बेटी की मौत का कारण जानना चाहते हैं, इसलिए वह लगातार पुलिस अधिकारियों के पास भटकता रहा। उसकी किसी ने नहीं सुनी। ऐसे में उसने घर के सामने ही लगे मोबाइल टावर को देखा तो सोमवार- मंगलवार की रात 2 बजे के लगभग मुकेश मेवाड़ा मोबाइल टावर पर चढ़ गए। ग्राम के कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना के कई घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन मुकेश पुलिस अधिकारियों को बुलाने पर अड़ा रहा। जैसे ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे उन्होंने मुकेश से कहा कि उनकी सभी मांगे मान ली जाएगी। इसके बाद मुकेश नीचे उतरा और पुलिस के सामने मांग रखी कि डॉ गौरव ताम्रकार पर कार्रवाई की जाए और क्षेत्र में जो सरकारी स्कूल है उसकी व्यवस्था सुधारी जाए। बेटी का पोस्टमार्टम डॉक्टर ने नहीं किया है, लेकिन उन्हें बेटी की मौत का कारण जानना है। इसलिए पुलिस उसकी अस्थियां लेकर जाए, जिससे जांच के बाद उनको बेटी की मौत का कारण बताया जाए। टावर से उतरने के बाद मुकेश ने बताया कि बेटी पूरे गांव में खेलती थी। उसका स्वास्थ्य स्कूल जाने से पहले बिल्कुल ठीक था, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ जिससे उसकी मौत हो गई। यही कारण रहा कि अभी तक अस्थियां परिवार ने नहीं उठाई थी और पुलिस से मांग की गई है कि हस्तियों की जांच करके मौत का कारण बताया जाए।
सदमे में है परिवार-
मुकेश के तीन बच्चे हैं इसमें 7 वर्षीय परी सबसे छोटी है। उससे बड़ी 9 वर्षीय अनुष्का और 13 साल का बेटा अंशु है। बताया गया है कि 7 वर्षीय परी ग्राम के ही सरकारी स्कूल में कक्षा दूसरी में पढ़ती थी। शनिवार को वह नियमित रूप से स्कूल गई थी। इसी दौरान भोजन करने के बाद उसको उल्टियां होने लगी तो वह लगभग 3.30 बजे अपने घर आ गई। घर आने के बाद तबीयत लगातार बिगड़ती गई तो उसके पिता उसे जिला चिकित्सालय ले गए। डॉक्टर गौरव ताम्रकार ने बालिका का चेकअप किया और कुछ जांच भी कराई। जांच में कुछ इन्फेक्शन सामने आया, लेकिन इससे पहले की बालिका का पूरा इलाज होता उसकी मौत हो गई। मुकेश मेवाड़ा ने बताया कि वह लगातार दौराहा थाने जाकर पुलिस से गुहार कर रहा था कि उसकी बेटी की मौत की जांच की जाए, लेकिन जांच नहीं की गई। मुकेश ने बताया कि पुलिस ने अंतिम संस्कार स्थल से अस्थियां इकट्ठी की है और उसकी जांच करके बालिका की मौत का कारण पता किया जाएगा।
ये दिए जिम्मेदारोें ने तर्क-
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पूजा शर्मा का कहना है कि मृतिका के परिवार ने मर्ग की सूचना विलंब से दी है। आज मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है। मृतका के पिता की मांग पर पुलिस ने जो अस्थियां प्राप्त की है उसकी जांच एफएसएल से कराई जाएगी। वहीं दूसरी और डॉक्टर गौरव ताम्रकार का कहना है कि बच्ची का इलाज बेहतर तरीके से किया गया था, लेकिन बच्ची का डबल्यूबीसी बड़ा हुआ था और जांच में इन्फेक्शन भी सामने आया था। इससे बच्ची की मौत हो गई है। बच्ची के साथ आए उनके परिवारजनों से पोस्टमार्टम कराने को कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं कराया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुधीर डेहरिया का कहना है कि अननेचुरल डेथ में पोस्टमार्टम कराया जाता है।