आदिवासियों पर सियासत: भाजपा विधायक ने वन विभाग तो कांग्रेस ने बीजेपी पर उठाए सवाल…
सीहोर। आदिवासी वर्ग हमेशा से भाजपा-कांग्रेस की सियासत के केंद्रबिंदु में रहा है। फिर चाहे मध्यप्रदेश की सियासत हो या फिर सीहोर जिले की सियासत हो, आदिवासियों को लेकर हमेशा से भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने होते रहे हैं। अब एक बार फिर से आदिवासियों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में बयानबाजी शुरू हो गई है। सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा में आदिवासी वर्ग भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ा वोट बैंक है, इसलिए जब भी आदिवासियों का मुद्दा आता है तो दोनों ही दलों के बीच में सियासत भी शुरू हो जाती है। ऐसा ही मामला बुधनी विधानसभा में एक बार फिर से सामने आया है। बुधनी के यारनगर में वन विभाग के अमले द्वारा आदिवासियों के कब्जे वाली वनभूमि में जांच शुरू हुई तो जमकर बवाल भी मचा। भोपाल मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर जांच दल यारनगर भेजा गया। सीहोर जिले के अधिकारी भी यहां पर पहुंचे। जांच शुरू हुई तो आदिवासियों में भी दहशत फैल गई। इसके बाद इसकी सूचना बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव को भी दी गई। इसके बाद विधायक रमाकांत भार्गव को भी यारनगर पहुंचकर मोर्चा संभालना पड़ा। उन्होंने वन विभाग के अमले को जमकर तलाड़ लगाई तो वहीं उन्हें जांच-पड़ताल तुरंत रोकने को कहा। इसके बाद वन विभाग का अमला भी बैरंग लौट गया। मामले में आदिवासियों के साथ में भाजपा विधायक सहित सीहोर जिले के कई दिग्गज नेता बुधनी में जुटे एवं धरना-प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा। अब इस मामले को लेकर कांग्रेस भी मुखर हो गई है और कांग्रेस ने भाजपा पर ही सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर भाजपा एवं सरकार को जमकर घेरा।
प्रदेश में भाजपा की सरकार और उनके ही विधायक कर रहे आंदोलन: राजीव गुजराती-
सीहोर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव गुजराती ने कहा है कि एमपी अजब है, गजब है। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और सत्ताधारी दल के विधायक, निगम अध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष सहित कई भाजपा नेताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया है। इससे जाहिर होता है कि मध्यप्रदेश में सरकार कैसे चल रही है कि उनके नेताओं को ही आंदोलन करना पड़ रहा है। एक तरफ प्रदेश एवं सीहोर जिले में आदिवासियों को उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। वर्षों से वन भूमि में रह रहे आदिवासियों को आज तक पट्टे नहीं वितरित किए गए हैं। कांग्रेस की सरकारों में आदिवासियों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया एवं उन्हें उनके अधिकार दिलाए गए, लेकिन भाजपा ने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर ही इस्तेमाल किया है।
क्या बुधनी के नेताओं की पकड़ सरकार में कमजोर हो गई है: विक्रम मस्ताल शर्मा
बुधनी विधानसभा के कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि एक तरफ मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है और बीजेपी विधायक, बीजेपी नेताओं को ही अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ रहा है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्षों बुधनी विधानसभा से विधायक रहे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली जाने के बाद क्या बुधनी के भाजपा नेताओं की सरकार में पकड़ कम हो गई है? क्या अधिकारी भाजपा नेताओं की सुन नहीं रहे हैं? क्या भाजपा के अंदर सब कुछ ठीकठाक चल रहा है? विक्रम मस्ताल शर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अजब-गजब खेल चल रहा है। यहां के भाजपा विधायक सरकार के खिलाफ ही प्रदर्शन कर रहे हैं।