
सीहोर। गंज निवासी राठौर परिवार ने समाज के सामने ऐसी अभूतपूर्व मिसाल कायम की है, जिसने रूढ़ीवादी सोच की दीवारों को तोड़ दिया है। जब गंज निवासी रजत राठौर के असामयिक निधन के बाद उनकी कम उम्र की पत्नी प्रतिभा राठौर के सामने भविष्य का अंधकार छा गया, तो उसके ससुराल वालों ने उसे अकेला नहीं छोड़ा, बल्कि दिवंगत रजत के बड़े भाई सुरेंद्र राठौर और नकुल राठौर ने स्वयं ‘भाई’ बनकर अपनी विधवा बहू का पुनर्विवाह कराया।
उन्होंने न केवल इस साहसिक फैसले को लिया, बल्कि विवाह की हर रस्म को निभाकर उसे बेटी की तरह विदा किया और गृहस्थी का पूरा सामान उपहार में दिया। यह पुनर्विवाह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह साबित करता है कि कर्तव्य और इंसानियत ही सच्चे रिश्ते होते हैं। राठौर परिवार का यह कार्य अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
भाई बनकर निभाई हर रस्म
दिवंगत रजत के बड़े भाई सुरेंद्र राठौर और नकुल राठौर ने अपनी बहू के पुनर्विवाह की पहल की। उन्होंने इस विवाह समारोह में खुद भाई बनकर हर धार्मिक और सामाजिक रस्म को निभाया। ससुराल पक्ष ने अपनी बहू को बेटी की तरह विदा किया और गृहस्थी का संपूर्ण सामान उपहार स्वरूप भेंट किया। यह आयोजन केवल एक विवाह नहीं, बल्कि एक सोच का परिवर्तन था, जहां कर्तव्य और संवेदना को प्राथमिकता दी गई।
उसे जीवन में आगे बढऩे का पूरा अधिकार
मीडिया से बातचीत करते हुए ससुराल पक्ष ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा रजत के निधन के बाद से ही प्रतिभा के भविष्य की चिंता हमें सताती रही थी। हमने तय किया कि उसे जीवन में आगे बढऩे का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। राठौर परिवार ने साबित कर दिया है कि इंसानियत और कर्तव्य ही सच्चे रिश्ते होते हैं। उनका यह कार्य आज पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।