भोपाल। गुना जिले के आरोन में हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने शिकारियों के एनकाउंटर के निर्देश दिए हैं। इसके बाद पुलिस टीमें मोर्चे पर तैनात हो गई है। इधर मुख्यमंत्री ने शिकारियों की गोली से शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता एवं परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
गुना जिले के आरोन में शिकारियों ने काले हिरण सहित मोर का शिकार किया। जब घटना के पता लगा तो पुलिसकर्मी शिकारियों को पकड़ने के लिए पहुंचे, लेकिन शिकारियों ने पुलिसकर्मियों पर भी ताबड़तोड़ हमला कर दिया। आमने-सामने की मुठभेड में एसआई राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि ड्राईवर को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की जबावी फायरिंग में एक शिकारी नौशाद मेवाती भी मारा गया है। बताया जा रहा है कि घटना शनिवार तड़के 3 से 4 बजे के बीच की है।
इधर हटाए गए आईजी-
अंतिम संस्कार में पहुंचेंगे प्रभारी मंत्री-
शहीद हुए पुलिसकर्मियों के अंतिम संस्कार में प्रभारी मंत्री पहुंचेंगे। अंतिम संस्कार के लिए शहीद एसआई राजकुमार जाटव का शव अशोकनगर रवाना किया गया। आरक्षक संतराम मीना का शव श्योपुर भेज गया। पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, कलेक्टर फ्रेंक नोबल ने अस्पताल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर पार्थिव शरीर रवाना कराए। आरक्षक राजीव भार्गव का अंतिम संस्कार गुना में ही किया जाएगा।
ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो नजीर बनेगी-
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारे परिवार के तीन जांबाज सदस्यों की मौत हो गई। अपराधी कोई भी हो, पुलिस से बच के जा नहीं सकते। कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सख्त से सख्त कार्रवाई हमलावरों पर की जाएगी। ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो नजीर बनेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
इधर नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशान-
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि गुना की घटना बेहद दु:खद है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वह पुलिस को ही नहीं छोड़ रहे। गुना की घटना के बाद तो गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आखिर शिवराज सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी लचर क्यों है? हर घटना के बाद जागना सरकार की आदत बन चुका है। घटना के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।