चकल्दी की ए क्लास आईटीआई सहित कई अन्य संस्थाओें को निजी हाथोें में सौंपने की तैयारी
सीहोर जिले की चकल्दी आईटीआई एवं कन्या शिक्षा परिसर सीहोर को चलाएगा अब एनजीओे

सुमित शर्मा, सीहोेर।
राज्य सरकार प्रदेश सहित सीहोर जिले की सरकारी संस्थाओें को अब निजी हाथोें में सौंपने जा रही है। इसकी शुरूआत भी हो गई है। इसी के तहत सीहोर जिले एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केे बुदनी विधानसभा क्षेत्र स्थित चकल्दी की ए क्लास एकलव्य आईटीआई एवं सीहोेर स्थित कन्या शिक्षा परिसर को निजी सामाजिक संस्थाएं ;एनजीओद्ध को सौंप दिया गया है। यही कारण रहा कि इस बार चकल्दी आईटीआई में बच्चों का एडमिशन ही नहीं हो पाया है। बच्चे एडमिशन के लिए परेशान हो रहे हैं।
राज्य सरकार ने आदिवासी बच्चोें के जीवन को सुधारने एवं उन्हें शिक्षित करनेे के साथ-साथ उनको तकनीकी शिक्षा देने के लिए करोेड़ोें रूपए खर्च करके आईटीआई एवं आदिवासी छात्रावासों एवं स्कूलों का निर्माण कराया है, लेकिन अब सरकार आईटीआई एवं आदिवासी स्कूलों कोे संभाल पाने की स्थिति में नहीं है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योेंकि सरकार ने अब इन संस्थाओें को सामाजिक संस्थाओें को सौैंप दिया है।
ए क्लास आईटीआई, पढ़तेे हैं आदिवासी बच्चेे-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान के गृह जिले एवं उनके बुदनी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत चकल्दी में करोड़ों की लागत से एकलव्य आईटीआई का निर्माण करवाया गया। इसमें आदिवासी बच्चों सहित अन्य वर्ग के बच्चोें कोे तकनीकी ज्ञान देने की पहल की गई। चकल्दी स्थित एकलव्य आईटीआई की शुरूआत वर्ष 2013 मेें की गई थी। इसके बाद वर्ष 2017-18 मेें आईटीआई का भव्य भवन एवं यहां पर पढ़ने के लिए आने वाले बच्चोें के लिए गर्ल्स एवं बायस होस्टल भी बनवाई गई। चकल्दी आईटीआई सर्वसुविधायुक्त होने के कारण इसे ए क्लास का दर्जा भी मिला। यहां पर सबसे ज्यादा आदिवासी बच्चे तकनीकी शिक्षा के लिए आतेे हैैं, क्योेंकि चकल्दी से लगे हुए गांवोें में बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग ही रहतेे हैं औैर यहां पर आईटीआई बनाने के पीछे कारण भी इन जनजातीय समुदाय के बच्चोें कोे बेेहतर शिक्षा देना था। यहां पर मैकेनिकल डीजल ट्रेड में 48 सीट, इलेक्ट्रिशियन ट्रेड मेें 20 सीट, फीटर ट्रेड में 20 सीट, कार पेंटर ट्रेड में 48 सीट, कोपा ट्रेड में 48 सीट एवं बेल्डर ट्रेड में 40 सीटें रखी गईं। हर साल ये सभी सीटेें फुल हो जाती हैं, लेकिन अब इस ए क्लास की आईटीआई को एक सामाजिक संस्था पेन आईआईटी को सौैंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा यहां पर विजिट भी कर ली गई है।
एडमिशन के लिए परेशान हो रहे हैं बच्चे-
चकल्दी स्थित आईटीआई मेें एडमिशन के लिए बच्चे परेशान हो रहे हैैं, लेकिन इस बार उनका अब तक एडमिशन नहीं हो पाया है। इस संबंध मेें कोेई प्रोसेस भी नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि इसका लिंक ही ओपन नहीं हुआ है। इसके कारण एडमिशन नहीं हो पा रहे हैैं। यहां पर सबसेे ज्यादा एडमिशन आदिवासी बच्चों के होतेे हैैं, लेकिन इस बार किसी का भी एडमिशन नहीं हो पाया है।
कन्या शिक्षा परिसर भी सौैंपा-
सीहोर मेें बने जनजातीय कार्यविभाग के कन्या शिक्षा परिसर कोे भी निजी संस्था सूर्या फाउंडेशन को सौंप दिया गया है। कन्या शिक्षा परिसर मेें कक्षा 6वीं से 12वीं तक की बालिकाएं अध्ययन करती हैं। इनके रहनेे के लिए यहां पर होस्टल सुविधा भी है, लेकिन अब यहां का संचालन सूर्या फाउंडेशन केे द्वारा किया जाएगा।
प्रदेशभर की 32 संस्थाएं भी सौैंपी-
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने प्रदेशभर की करीब 32 सरकारी संस्थाएं जिनमें आईटीआई एवं जनजातीय कार्य विभाग के स्कूल व हॉस्टल हैं, जिनको निजी हाथोें में सौंप दिया है। अब ये सामाजिक संस्थाएं इनका संचालन करेेगी। यह सारी कवायद इतनी गुपचुप तरीकेे से की गई हैै कि इसकी भनक कौशल विकास विभाग केे अधिकारियोें तक कोे नहीं लगी।
इनका कहना है-
आईटीआई एवं कन्या शाला परिसर कोे सामाजिक संस्था को देने का निर्णय शासन स्तर से लिया गया है। इसी के तहत यह कार्रवाई हो रही है।
– चंद्रमोहन ठाकुर, कलेक्टर, सीहोर
इस संबंध मेें प्रस्ताव जरूर था, लेकिन क्या कार्रवाई हुई इस बारे मेें कोई जानकारी नहीं है।
– डीएस ठाकुर, ज्वाईंट डायरेक्टर, कौशल विकास विभाग, मप्र
यह निर्णय शासन स्तर से लिया गया है। हमें आदेश हुए थेे हमने संबंधित संस्था कोे हैंडओवर कर दिया है।
– हीरेंद्र सिंह कुशवाह, जिला संयोजक, जनजातीय कार्यविभाग, सीहोर