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रेलवे ब्रिज विवाद: सर्विस रोड की मांग को लेकर वरिष्ठ नागरिकों ने दिया धरना

सीहोर। जिला मुख्यालय में आज (बुधवार) हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी रेल्वे क्रासिंग पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण में कथित अनियमितताओं और निवासियों की अनदेखी को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। रहवासी कल्याण समिति के तत्वावधान में क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों ने सुबह 10 बजे निर्माणाधीन ओवर ब्रिज के पास एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। धरना प्रदर्शन में कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजीव गुजराती भी सम्मिलित हुए, जिन्होंने जनता की सुरक्षा और सुविधा से जुड़े इस मामले में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को गंभीरता से ध्यान देने की अपील की। श्री गुजराती ने कहा कि यदि प्रशासन समय रहते उचित कदम उठाता है तो भविष्य में संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
5000 लोग प्रभावित
ब्रिज कार्पोरेशन और रेल्वे विभाग द्वारा बनाए जा रहे इस ब्रिज निर्माण से लगभग पांच हजार लोग प्रभावित हैं, जिनमें पं. दीनदयाल नगर, श्यामाप्रसाद मुखर्जी नगर, कृष्णा नगर, संतोष नगर, हाऊसिंगबोर्ड कॉलोनी फेस.2 बस्ती और शांति बिहार जैसी कॉलोनियों के निवासी शामिल हैं।
निवासियों के आरोप और मांग
मध्य प्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा बनाया गया हाऊसिंगबोर्ड कॉलोनी का मुख्य मार्ग निर्माण एजेंसी द्वारा पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों का आरोप है कि ब्रिज से दोनों तरफ सर्विस रोड नहीं दी गई है। इसके बजाय केवल एक तरफ से चढऩे और उतरने का मार्ग बनाया गया है, जो बड़ा दुर्घटना स्थल साबित हो सकता है। सर्विस रोड नदारदरहवासी कल्याण समिति ने कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए गंभीर प्रश्न उठाए हैं। जिसमें बताया गया है कि योजना की प्रशासनिक स्वीकृति में 760.60 मीटर लंबाई के ब्रिज के दोनों तरफ 850 मीटर यानी कुल 1700 मीटर की सर्विस रोड (चौड़ाई $5.50 मीटर हेतु लगभग $2.76 करोड़ रुपये (प्लस जीएसटी) स्वीकृत हैं।
समिति ने मांग की है कि इस स्वीकृत राशि का उपयोग अन्य किसी मद में न हो और तत्काल सर्विस रोड का लेआउट तैयार कर निर्माण शुरू किया जाए, ताकि कॉलोनी वासियों को ब्रिज निर्माण से पहले सुरक्षित आवागमन मिल सके।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर खतरा
विरोध कर रहे वरिष्ठ नागरिकों ने यह भी बताया कि इस ब्रिज के पास शहर के पांच बड़े स्कूल हैं। ब्रिज को सर्पाकार मोड़ दिए जाने और पैदल चलने वालों के लिए कोई सीढ़ी मार्ग न होने के कारण हजारों स्कूली बच्चों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

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