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सीहोर में आठवीं बार अधूरा रहा बारिश का कोटा…

सीहोर। जिले में भले ही बारिश का सीजन बीत गया हो, लेकिन जिले का औसत बारिश का कोटा 1148.4 मिमी इस साल भी पूरा नहीं हो पाया है। चार महीनों में जिले में केवल 1129.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो औसत से 19.2 मिमी कम है। मौसम के इस मिजाज ने जिले के जल संकट की ओर इशारा कर दिया है, क्योंकि यह लगातार आठवां मौका है जब जिले में बारिश औसत के आंकड़े को छू नहीं पाई है।
भू अभिलेख शाखा के आंकड़े बताते हैं कि बीते 14 सालों 2012 से 2025 तक में जिले में महज 6 बार ही औसत से अधिक बारिश हुई है, जबकि 8 बार बारिश का आंकड़ा औसत से कम रहा है। साल 2015 में तो यह आंकड़ा 972.0 मिमी और 2018 में केवल 870.1 मिमी ही रहा था। कम बारिश होने का सीधा मतलब है कि जिले के ज्यादातर डैम और तालाब खाली रह गए हैं, जिससे आगामी गर्मी के सीजन में पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
नर्मदा तटीय क्षेत्र ‘तरबतर’, जावर में सूखा
जिले की तहसीलों में बारिश की स्थिति असमान रही है। आठ तहसीलों में से केवल नर्मदा तटीय क्षेत्रों में ही अच्छी बारिश हुई है। जबकि बुदनी में सर्वाधिक 1528.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि रेहटी 1294.8, भैरुंदा 1185.0, जावर 800.0 सबसे कम, सीहोर 926.2, श्यामपुर 941.0, आष्टा 867.0 और इछावर 921.3 एमएम दर्ज की गई। बुदनी में सर्वाधिक बारिश हुई है, जबकि जावर तहसील में सबसे कम बारिश 800.0 मिमी रिकॉर्ड की गई।
5 अक्टूबर तक हल्की बारिश के आसार
आरएके कृषि कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र सिंह तोमर के अनुसार लो प्रेशर जोन की स्थिति बनने के कारण 5 अक्टूबर तक मौसम बदला हुआ रहेगा। इस दौरान गरज-चमक के साथ कुछ जगहों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके बाद मौसम में तेजी से सुधार होने का पूर्वानुमान है।

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