सीहोर। खरीफ विपणन मौसम में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन के लिए किसान पंजीयन 20 सितंबर से प्रारंभ किया जा रहे हैं। समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी के लिए जिले में 12 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं। इन पंजीयन केन्द्रों पर 5 अक्टूबर तक 2023 फसल खरीदी के लिए पंजीयन किए जाएंगे। गत वर्षों की तरह ही किसान पंजीयन भू-अभिलेख के डाटाबेस आधारित ही होगा। किसानों को पंजीयन के लिए समस्त आवश्यक दस्तावेज समग्र आईडी, आधार नंबर बैंक खाता पासबुक मोबाईल नंबर उपलब्ध कराना होगा।
ये बनाए खरीदी केंद्र-
समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए जिले में कुल 12 पंजीयन केन्द्र बनाए गए है। भैरूंदा तहसील में किसान विपणन सहकारी समिति मर्यादित भेरूंदा, बुधनी में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित बुधनी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित शाहगंज, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित जवाहरखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित बनेटा प्लाट, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित कुसुमखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित नांदनेर, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित रेहटी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित बोरदी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित बायां, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित माथनी तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित सीहोर में किसान पंजीयन केन्द्र बनाए गए है।
ऐसे होगा पंजीयन-
पंजीयन केन्द्रों पर किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा। सिकमी, बटाईदार, वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। इस श्रेणी के शत-प्रतिशत किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। सिकमी, बटाईदार, पट्टाधारी किसान का आधार नंबर प्रविष्ट किया जाएगा। आधार नंबर प्रविष्टि के उपरांत किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. प्राप्त होगा, जिसके माध्यम से सत्यापन उपरात आधार डाटाबेस में दर्ज पूर्ण जानकारी यूआईडीएआई से ई-उपार्जन पोर्टल पर प्राप्त होगी। मोबाईल नहीं होने पर बायोमेट्रिक डिवाईस से भी सत्यापन किया जा सकेगा। किसान द्वारा बोई गई फसल की किस्म, रकबा तथा विकय योग्य मात्रा की जानकारी एवं उत्पादित फसल का भंडारण किन स्थानों पर किया गया है या किया जाएगा, इसकी जानकारी भी आवेदन में दर्ज की जाए।