सीहोर। रवी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहंू उपार्जन के लिए किसान पंजीयन प्रक्रिया 6 से 28 फरवरी 2023 तक निर्धारित की गई है। इसके लिए जिले में 160 पंजीयन केन्द्रों निर्धारित किए गए हैं। निर्धारित केन्द्रों पर मैदानी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। अपर कलेक्टर गुंचा सनोवर ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर संबंधित कर्मचारी को अपने निर्धारित केन्द्रों पर भेजा जाए। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था के तहत अपने स्वयं के मोबाइल एप, ग्राम पंचायत में स्थापित सुविधा केन्द्र, जनपद में स्थापित सुविधा केन्द्र, तहसील में स्थापित सुविधा केन्द्र एवं पूर्व वर्षों की भांति सहकारी, विपणन समिति द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर तथा पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था की गई है। इसके लिए 50 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया जो एमपी आॅनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र और निजी साईबर कैफे पर होगी। विगत रबी एवं खरीफ की भाँति इस वर्ष भी किसान पंजीयन को भू-अभिलेख के डाटाबेस आधारित होगा, जिसमें भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।
पंजीकृत किसानों के रकबा एवं बोई गई फसल के सत्यापन के निर्देश-
रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए किसानों के लिए पंजीयन प्रक्रिया 6 फरवरी से प्रारंभ कर दी गई है। पंजीकृत किसानों के रकबा एवं बोई गई फसल का अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार, नायब तहसीलदार के माध्यम से निर्धारित श्रेणी वार सत्यापन किया जाना है। विगत वर्ष के पंजीयन से 50 प्रतिशत अधिक रकवा वाले, 04 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले किसानों, सिकमी, बटाईदार, कोटवार किसान, कृषक के आधार नंबर एवं खसरे में नाम में भिन्नता, अन्य के स्वामित्व की भूमि एवं अन्य सभी निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत सत्यापान किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसलदारों को निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देशानुसार सत्यापान कार्य 6 फरवरी 2023 से 3 मार्च 2023 तक की अवधि में पूर्ण किया जाना है। सत्यापन की प्रक्रिया पूर्व वर्ष की भांति रहेगी। किसान पंजीयन में किसान का नाम एवं भू अभिलेखों में दस्तावेजों में नाम का मिलान कराया जाए। किसान पंजीयन में उक्त भूमि का रकबे मिलान राजस्व रिकार्ड एवं बोई गई फसल का मौके पर सत्यापन राजस्व विभाग के मैदानी अमले से कराया जाए। सिकमी, बटाईदार किसान एवं अन्य के स्वामित्व की भूमि की श्रेणी में पंजीकृत किसान एवं रकवे की पुष्टि वास्तविक भू-स्वामी से बोई गई फसल की मौके पर सत्यापन कर अनुबंध एवं अन्य दस्तावेजों का परीक्षण किया जाए। वन पट्टाधारी किसानों के रकबे, फसल की किस्म का सत्यापन वन विभाग के अमले द्वारा किया जाए।