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‘वेंटीलेटर’ पर रेहटी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र!

- डॉक्टरों की कमी, एक्स-रे टेक्नीशियन भी नहीं, पोस्टमार्टम के लिए भी व्यवस्था नहीं, जाना पड़ता है बुधनी या भैरूंदा

रेहटी। बुधनी विधानसभा क्षेत्र का रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इस समय वेंटीलेटर पर पहुंच गया है। इसको आक्सीजन की सख्त जरूरत है। रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और न ही यहां पर एक्स-रे मशीन टेक्नीशियन है। पोस्टमार्टम की भी व्यवस्था कामचलाऊ है। पोस्टमार्टम के लिए बुधनी या भैरूंदा जाना पड़ता है। पुलिस को भी अपराधियों के मेडिकल टेस्ट के लिए बार-बार भैरूंदा या बुधनी भागना पड़ता है। ऐसे में यहां आने वाले लोग परेशान होते हैं। जनप्रतिनिधियों का भी इस तरह ध्यान नहीं है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला एवं संसदीय क्षेत्र बुधनी विधानसभा का रेहटी स्थित शासकीय अस्पताल इस समय बेहद गंभीर स्थिति में है। शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में 17 वर्षों से अधिक समय तक मुख्यमंत्री भी रहे। अब उनके विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है। अस्पतालों के बड़े-बड़े भवन बनवा दिए गए हैं, लेकिन इनमें सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।
डॉक्टरों के साथ अन्य स्टॉफ की कमी-
रेहटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की सबसे ज्यादा कमी है। यहां पर चार एमबीबीएस डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ एक विशेषज्ञ डॉक्टर पदस्थ हैं। उनके भरोसे ही पूरी रेहटी तहसील है। डॉक्टरों के नहीं होने से यहां आने वाले मरीज परेशान होते हैं एवं उनको निजी अस्पतालों में जाकर इलाज करवाना पड़ता है। इसके साथ ही यहां पर एक्स-रे मशीन भी धूल खा रही है, क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है। मरीजों को एक्स-रे करवाने भी बाहर जाना पड़ता है। अन्य सुविधाओं के नाम पर भी ज्यादा कुछ नहीं है। डॉक्टरों की कमी के कारण यहां आने वाले इमरजेंसी के मरीजों को भी भोपाल, होशंगाबाद या सीहोर के लिए रेफर कर दिया जाता है। पोस्टमार्टम के लिए भी यहां पर उचित व्यवस्था नहीं है। पोस्टमार्टम कराने के लिए भी भैरूंदा या बुधनी ले जाना पड़ता है।
100 से अधिक गांवों के पहुंचते हैं मरीज-
रेहटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तहसील के 100 से अधिक गांवों के मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में उन्हें यहां पर व्यवस्था नहीं मिलती है। अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने से ये लोग छोलाछाप डॉक्टरों के पास पहुंचकर अपना इलाज कराते हैं। कई बार इन छोलाछाप डॉक्टरों के कारण मरीजों की जान चली गई है। रेहटी में छोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें भी अस्पताल के कारण जमकर फलफूल रही है।
जनप्रतिनिधियों को भी नहीं है चिंता-
रेहटी तहसील के जनप्रतिनिधि भी अस्पताल की स्थिति से भलीभांति परिचित हैं। उन्हें पता है कि यहां पर डॉक्टरों सहित अन्य सुविधाओं की कमियां हैं, लेकिन इसके बाद भी यहां पर व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही हैं। कई बार विशेष अवसरों पर ये जनप्रतिनिधि अस्पताल में पहुंचकर मरीजों को फलों का वितरण करते हैं। गत दिवस विश्व पर्यावरण दिवस पर भी पहुंचकर यहां पर पौधा लगाया गया था। इस दौरान रेहटी तहसील के सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
कभी एनक्यूएएस मानक में अव्वल रहा रेहटी अस्पताल-
अपनी बदहाली एवं सुविधाओं की बाट जोह रहा रेहटी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कभी अवार्ड जीतकर वाहवाही भी दिलवाता था। करीब दो वर्ष पहले नेशनल क्वालिटी एस्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्यूएएस) राष्ट्रीय स्तर के मानक पर रेहटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 96.5 प्रतिशत अंकों के साथ नंबर एक पर रखा गया था। इसके अलावा कायाकल्प अवार्ड में भी लगातार वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक चार साल रेहटी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहले पायदान पर रहा था।
इधर कांग्रेस बोली नाम बड़े और दर्शन खोटे…
बुधनी विधानसभा के कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ‘हनुमानजी’ ने रेहटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तंज कसा है और कहा है कि नाम बड़े और दर्शन खोटे… कहावत को चरितार्थ कर रहा है रेहटी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। उन्होंने कहा कि इसका नाम तो सामुदायिक केन्द्र है, लेकिन जनसमुदाय के लिए यहां पर कोई विशेष सुविधा नहीं है। कहने को तो 91वे प्रकार की जांचें सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र रेहटी में होनी चाहिए, परन्तु होती सिर्फ 65 प्रकार की जांचें ही है। एक्स-रे और सोनोग्राफी जैसी मुख्य जांचों के लिए नर्मदापुरम या भोपाल जाना पड़ता। मेडिकल आॅफिसर होने चाहिए, लेकिन स्थाई एक भी मेडिकल आॅफिसर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। 20 साल की भाजपा सरकार और 18 वर्ष बुधनी विधानसभा की दम पर मुख्यमंत्री रहे माननीय शिवराज सिंह चौहान स्वास्थ के क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाए। आए दिन सीहोर जिले और खासकर बुधनी विधानसभा के स्वास्थ्य केन्द्रों में मौत का तांडव देखने को मिलता है। प्रसुताओं, नवजातों और मरीजों की मृत्यु और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव का अड्डा बनता जा रहा है।
इनका कहना है-
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी तो है। इसके साथ ही यहां पर एक्स-रे टेक्नीशियन भी नहीं है। हालांकि यहां आने वाले मरीजों को हम बेहतर से बेहतर जो इलाज हो सकता है उपलब्ध कराते हैं। गंभीर स्थिति में ही रेफर करते हैं। डॉक्टरों एवं रेडियोलॉजिस्ट सहित अन्य डिमांड के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा है। उम्मीद है कि जल्द ही हमें सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
– डॉ. अश्विनी दायमा, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेहटी

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