लालच में बदला था धर्म, बजरंगियों की समझाइश पर क्रिश्चियन धर्म छोड़ सपरिवार ‘हिंदू धर्म’ में हुई वापसी

सीहोर। इंदिरा नगर शमशान घाट के पास रहने वाले कमलेश मालवीय का परिवार ईसाई मिशनरी के प्रभाव और कथित तौर पर सरकारी नौकरी, नगदी राशि तथा अन्य सहयोग के लालच में आकर धर्म बदलकर ईसाई बन गया था। इस घटनाक्रम के बाद परिवार ने हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और धार्मिक किताबें हटा दी थीं और बाइबल के निर्देशानुसार प्रार्थना करने लगा था।
इसकी भनक लगते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता कमलेश मालवीय के घर पहुंचे और परिवार को समझाना शुरू किया। मौके पर कोतवाली थाना पुलिस भी पहुंची। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कोतवाली में अवैध धर्मांतरण की धाराओं के तहत कार्रवाई के लिए एक आवेदन भी दिया था, जिसके बाद पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही थी।
परिवार ने जताई घर वापसी की इच्छा
इस बात की गंभीरता को देखते हुए कि उन पर अवैधानिक धर्मांतरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज हो सकता है, कमलेश मालवीय के पिता ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों से संपर्क साधा। उन्होंने जिला प्रमुख जगदीश कुशवाहा, नगर संयोजक समीर राय, नगर अध्यक्ष परमवीर जाट और जिला संयोजक प्रभात मेवाड़ा सहित अन्य कार्यकर्ताओं से मिलकर वापस हिंदू धर्म में आने की इच्छा व्यक्त की।
विधिवत घर वापसी
गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा कमलेश मालवीय के घर पहुंचकर ईसाई बन चुके सभी सदस्यों की विधिवत हिंदू धर्म में वापसी कराई गई। इस प्रक्रिया के तहत सभी सदस्यों को भगवा अंग वस्त्रम पहनाए गए। उन्हें तिलक लगाया गया। गंगाजल छिडक़ कर उन्हें पवित्र किया गया। गीता जी, रामायण जी और भगवान श्री रामचंद्र जी को साक्षी बनाया गया। ईसाई धर्म छोडक़र हिंदू धर्म में वापस आकर मालवीय परिवार ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने भगवान श्री राम दरबार की विधिवत पूजा अर्चना की और सही मार्ग दिखाने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।

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