
सीहोर। प्रसिद्ध शक्तिपीठ सलकनपुर देवी धाम में मां विजयासन के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा का प्रमुख साधन रोप-वे आज से दस दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। 9 दिसंबर से 18 दिसंबर तक यह सुविधा रखरखाव और तकनीकी सुधार के कारण बंद रहेगी, जिससे आने वाले समय में यात्रियों के लिए इसकी सुरक्षा और विश्वसनीयता और मजबूत हो सके।
अस्थाका वेयर रोपवे सर्विस सलकनपुर के प्रबंधक राजू श्रीवास्तव के अनुसार यह निर्णय अत्यंत आवश्यक था। उन्होंने बताया कि इस दौरान रोप-वे की मुख्य रस्सी को बदला जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य तकनीकी कमियों को दूर करने और सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए एक विशेषज्ञ टीम काम कर रही है। प्रबंधक ने स्पष्ट किया कि यह कार्य भविष्य में रोप-वे की परिचालन क्षमता को और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
श्रद्धालुओं को असुविधा से बचने की सलाह
हालांकि रोप-वे बंद होने से श्रद्धालुओं को कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन दर्शन की व्यवस्थाएं पूर्ववत जारी रहेंगी। 18 दिसंबर तक श्रद्धालु मंदिर पहुंचने के लिए सीढ़ी मार्ग या सडक़ मार्ग का उपयोग कर सकते हैं।
सडक़ से आवागमन
बता दें रोप-वे से जहां मंदिर तक पहुंचने में केवल 5 मिनट का समय लगता था, वहीं सडक़ मार्ग से लगभग 10 मिनट का समय लगता है। मालूम हो कि रोप वे का सामान्य किराया प्रति श्रद्धालु आने जाने का 130 और एक तरफ का 100 है। 4 से 6 साल के बच्चों के लिए आने-जाने का किराया 80 निर्धारित है।
यात्रियों को संभालता है रोप-वे
सलकनपुर का यह रोप-वे प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए पहुंचाता है। इसमें एक साथ 4 केबिन संचालित होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में 8 श्रद्धालुओं को बैठाया जाता है। इस तरह एक बार में कुल 32 श्रद्धालु आते-जाते हैं। सामान्य दिनों में यह सुविधा औसतन 250 से 300 श्रद्धालुओं को रोजाना मंदिर तक पहुंचाती है, जबकि रविवार को यह संख्या 400 तक पहुंच जाती है। नवरात्र जैसे विशेष अवसरों पर रोप-वे एक दिन में 20 घंटे तक चलता है और हर रोज 1500 तक श्रद्धालुओं का आवागमन होता है।
देवी लोक का 70 फीसदी काम पूरा
इस बीच सलकनपुर में बन रहे भव्य देवी लोक के निर्माण कार्य में भी तेजी आई है। ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय के अनुसार देवी लोक का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अब केवल अंदर के एप्रोच रोड का निर्माण कार्य शेष है। उम्मीद है कि यह परियोजना पूरी होने के बाद सलकनपुर धार्मिक पर्यटन के एक बड़े केंद्र के रूप में उभरेगा।