पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम मेें फिर होगा रूद्राक्षों का वितरण

24 घंटे सात दिनों तक निरंतर चलता रहेगा रुद्राक्ष का वितरण

सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में विठलेश सेवा समिति के तत्वावधान में एक बार फिर से फरवरी माह में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए शहर के एक निजी गार्डन में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में करीब पांच दर्जन से अधिक सामाजिक संगठनों, मंदिर के आस-पास के ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों, महिला मंडलों, समाजजनों के साथ विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस, हिन्दू उत्सव समिति, हिन्दू महापंचायत आदि संगठनों ने इस भव्य आयोजन में पूरे समर्पण के साथ सहयोग करने का संकल्प लिया। इस मौके पर पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि यह जो धरा है वह शंकर की भूमि है। भगवान शिव अपने भक्तों की पूजा से बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन आप अपनी कुछ विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति करना चाहते हैं तो शिव का रुद्राभिषेक करना सबसे शुभ उपाय बताया गया है। आगामी 16 फरवरी से 22 फरवरी 2023 तक होने वाले इस भव्य आयोजन को लेकर सभी समाजनों से सुझाव लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि रुद्वाक्ष महोत्सव महाकुंभ की तरह मनाया जाएगा। इस महोत्सव में हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश और विदेश से शामिल होंगे। यह दूसरा अवसर है, जब किसी स्थान पर विशेष रुद्राक्ष शिवलिंग बनाकर इस तरह का आयोजन किया जाएगा। रुद्राक्ष प्रतिमा का प्रतिदिन दूध, जल व फलों के रसों से अभिषेक किया जाएगा और शिवलिंग में प्रयुक्त सभी रुद्राक्ष क्रम अनुसार श्रद्धालुओं को बांटे जाएंगे।
45 बीघा जमीन में होगी भोजन प्रसादी की व्यवस्था-
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि आगामी 16 फरवरी को होने वाले महोत्सव को लेकर सभी समाज के लोगों ने संकल्प के साथ अपने-अपने मांगलिक भवन, धर्मशाला आदि में श्रद्धालुओं के ठहराने आदि की व्यवस्था की स्वीकृति दी है। इसके अलावा सभी ने एकमत होकर पूरा सहयोग महोत्सव के लिए दिया है। समिति द्वारा 35 बीघा से अधिक जमीन पर भव्य भोजन प्रसादी के निर्माण और खाने की व्यवस्था की जाएगी। 20 बीघा जमीन पर 24 घंटे सातों दिन दो-दो समाज और क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा रुद्राक्ष वितरण का इंतजाम किया गया है। हर समाज के लोग ठहरने, खाने, साफ-सफाई आदि के लिए रात-दिन लगे रहेंगे। वहीं यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनेक समाज के द्वारा निःशुल्क वाहनों से महोत्सव स्थल तक आने-जाने की व्यवस्था के अलावा क्षेत्र के आस-पास वाहनों के पार्किंग की समूचित व्यवस्था कराने की बात कही है।