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सचिन तेंदुुलकर बच्चों से बोले- खूब पढ़ो, चिंता मत करना मैं हू ना…

- सीहोर जिले के सेवनिया गांव पहुंचे क्रिकेट के भगवान मास्टर ब्लास्टर

सीहोर। क्रिकेट केे भगवान कहे जाने वालेे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर मंगलवार कोे सीहोर जिले के सेेवनिया गांव पहुंचे। यहां पर उन्होेंने परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यहां पढ़नेे वाले बच्चोें से बातचीत की। सचिन ने बच्चों से कहा कि खूब मन लगाकर पढ़ो, जितना चाहे पढ़ो औैर चिंता मत करना वे उनकी हरसंभव मदद करेंगे। इसके बाद सचिन तेेंदुलकर ने बच्चोें के साथ क्रिकेेट खेली औैर सेल्फी खिंचवाई। यहां से सचिन भोपाल केे लिए रवाना हो गए।
सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए मदद करती है। सचिन ने सीहोेर जिले मेें भी गरीब बच्चोें की पढ़ाई की जिम्मेेदारी ली है। वे परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय के बच्चोें कोे आर्थिक रूप से मदद करतेे हैं। उन्होंने सीहोेर जिले में चलने वाले 42 कुटीर विद्यालयों में से 5 को गोेद ले रखा है। ये कुटीर सितंबर-2019 से संचालित हैं। सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन ने जिले के आदिवासी गांव सेवनिया, जामुनझील, नयापुरा, भीलपाटी और खापा के कुटीर विद्यालयों को गोेद ले रखा है। सेवनिया कुटीर में लगभग 260 बच्चे हैं, जोे नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं।
स्कूल भी जातेे हैं ये बच्चे-
परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय आदिवासियों के घरों से संचालित होते हैं। यहां पर गांव केे पहली से आठवीं तक के बच्चेे पढ़ाई के लिए आतेे हैैं। ये बच्चे सुबह 7 से 10.30 तक और शाम कोे 4 से 6 बजे तक कुटीर विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं। इस बीच ये स्कूल भी जातेे हैं। सुबह केे समय इन बच्चों कोे नाश्ता और खाना दिया जाता है। इसकेे बाद शाम कोे भी इन्हें खाना दिया जाता है। इसके अलावा इनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए लगने वाली स्टेशनरी सहित अन्य सामान की आर्थिक मदद भी सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन द्वारा की जाती है। सचिन तेेंदुलकर कहते हैैं कि उनके पिताजी की इच्छा थी कि गरीब बच्चोें की मदद की जाए, वहीं से उन्हें इन बच्चोें की पढ़ाई-लिखाई की प्रेेरणा मिली। अब वे अपनेे पिताजी के सपनों को साकार कर रहे हैं।
कोरोना काल में भी दी आर्थिक मदद-
परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय कोरोनाकाल में भी संचालित होेतेे रहे। कोरोना काल में सचिन तेेंदुलकर द्वारा इन बच्चों केे परिवार कोे भी तीन-तीन हजार रूपए की आर्थिक मदद दी गई थी। इसके अलावा यहां पढ़नेे वाले बच्चोें के माता-पिता को कपड़े, साड़ी भी समय-समय भी उपलब्ध कराए जातेे हैैं। इन कुटीर विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में पढ़ाई-लिखाई में बेहतर बताए जातेे हैैं।
सुबह सेे चलती रही अफवाह-
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेेंदुलकर केे आनेे की चर्चाएं तोे सुुबह सेे ही थी, लेकिन कई बार झूठी अफवाहें भी उड़ी। पहले कहा गया कि सचिन तेेंदुलकर सीहोेर जिले के सलकनपुर मंदिर में दर्शन के लिए आ रहेे हैं। बाद में सोशल मीडिया पर ये अफवाह भी फैल गई कि वे नहीं आ रहेे हैैं, लेकिन उनकी टीम कुटीर विद्यालयों के निरीक्षण के लिए आ रही है। बाद में सीहोर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव ने सचिन तेंदुलकर केे दौरे की पुष्टि की। सचिन तेेंदुलकर के मध्यप्रदेश दौरे को बेहद गोेपनीय रखा गया था। उनके आनेे की सूचना सिर्फ पुलिस को थी, लेकिन जैसे-जैसे उनका काफिला आगे बढ़ता गया तोे उनकेे प्रशंसकोें की भीड़ भी जुटने लगी। कई जगह बच्चों ने उनकेे काफिले कोे देखा तोे सचिन तेेंदुलकर ने भी किसी को निराश नहीं किया औैर सबका अभिवादन स्वीकार किया।

मुख्यमंत्री से की फोेन पर चर्चा-
बुधनी विधानसभा केे सेवनिया पहुंचे सचिन तेेंदुलकर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान ने भी फोन पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच करीब पांच मिनिट तक बातचीत हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौैहान ने उन्हें इस नेक कार्य के लिए बधाई दी एवं उनकी कुशलक्षेम जानी। सचिन तेंदुलकर ने भी उन्हें इस तरह के कार्य आगेे करने का भरोसा दिलाया।

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