
सीहोर। जिले के प्रसिद्ध मां बिजयासन धाम सलकनपुर में अपनी मन्नतें लेकर लोग आते हैं। यहां पर लोगों के मन की कामना भी पूरी होती है, लेकिन इस समय सलकनपुर मंदिर समिति की मन्नतें ही पूरी नहीं हो पा रही हैं। दरअसल मंदिर समिति द्वारा मंदिर से लगी हुई करीब पांच एकड़ जमीन पर पार्किंग निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए कई पेड़ों को भी काट दिया गया है, लेकिन अब तक मंदिर समिति को इस वन भूमि पर पार्किंग बनाने की अनुमति नहीं मिल सकी है। अनमति से संबंधित फाइल इधर-उधर घूम रही है। सूत्रों की मानें तो अब फाइल को दिल्ली भेजा जाना है, लेकिन उससे पहले सलकनपुर ग्राम पंचायत सहित वन समितियों एवं ग्राम पंचायत के लोगों के उस पर हस्ताक्षर होना है, लेकिन कोई भी हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हैं।
सलकनपुर मंदिर समिति अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चर्चाओं में रही है। सलकनपुर मंदिर समिति की चर्चा कभी यहां के विकास कार्यों में गड़बड़ी को लेकर होती है तो कभी श्रद्धालुओं के लिए अव्यवस्थाओं को लेकर होती है। अब समिति की चर्चा मनमाने तरीके से काम करने को लेकर हो रही है। दरअसल सलकनपुर मंदिर समिति द्वारा मंदिर से लगी हुई वन विभाग की करीब पांच एकड़ जमीन पर पार्किंग निर्माण किया जाना है। यह भूमि वन विभाग की है और इसके लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। अनुमति के लिए जरूरी औपचारिकताएं भी पूरी करनी है, लेकिन अब तक न तो औपचारिकताएं पूरी हो सकी हैं और न ही अनुमति मिल सकी है। इसके बाद भी मंदिर समिति ने पार्किंग निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए कई पेड़ों की बलि भी चढ़ा दी गई है। अब अनुमति से संबंधित फाइल को दिल्ली भेजा जाना है, इसके लिए वन समितियों सहित सलकनपुर ग्राम पंचायत एवं वहां के निवासियों के हस्ताक्षर होना है, लेकिन कोई भी इस कार्य के लिए तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री की मंशा है विश्व स्तरीय बने मंदिर-
सलकनपुर मंदिर को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद चाहते हैं कि यह मंदिर भव्य एवं विश्व स्तरीय बने। यहां पर देश के कौने-कौने के अलावा विदेशों से भी लोग आएं। इसके लिए वे लगातार प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं मंदिर समिति की कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेरती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री द्वारा सलकनपुर को भव्यता देने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। प्रज्ज्वल बुदनी के तहत सलकनपुर मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया जाना है। हालांकि इससे पहले भी मुख्यमंत्री एवं सरकार द्वारा सलकनपुर मंदिर निर्माण को लेकर कई सार्थक प्रयास किए गए हैं, लेकिन सलकनपुर मंदिर समिति द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि सरकार द्वारा मंदिर के निर्माण एवं यहां के विकास कार्यों के लिए कोई सहायता नहीं की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि मंदिर की यह भव्यता कैसे हो पाई है।
इनका कहना है-
सामुदायिक वनाधिकार पट्टे को लेकर वन विभाग द्वारा प्रक्रिया शुरू की गई है। मंदिर समिति द्वारा जमीन को लेकर की गई प्रक्रिया अभी मेरे संज्ञान में नहीं है। पता करके ही कुछ बता पाउंगा।
– राधेश्याम बघेल, एसडीएम, बुदनी
मंदिर समिति द्वारा वन विभाग से पांच एकड़ जमीन की मांग की गई है, ताकि उस पर पार्किंग एवं सड़क निर्माण का कार्य हो सके। पार्किंग का कार्य अभी उस जमीन पर शुरू किया गया है, जिसकी अनुमति मिल गई है। अनुमति को लेकर प्रक्रिया चल रही है।
– आरके दुबे, सचिव, सलकनपुर मंदिर समिति