तीन दिनों तक लगातार चला सर्चिंग ऑपरेशन, आंवलीघाट से बाबरी तक खोजा, लेकिन नहीं मिल सका युवक मनोज सेन
- सोमवती अमावस्या पर पत्नी के साथ आंवलीघाट स्नान करने पहुंचा था, तब से है लापता
सीहोर। सोमवती अमावस्या पर अपनी धर्मपत्नी के साथ नर्मदा स्नान करने के लिए आंवलीघाट पहुंचा सीहोर का युवक मनोज सेन अब तक लापता है। तीन दिनों तक लगातार नर्मदा में सर्चिंग ऑपरेशन चलाया। इस दौरान आंवलीघाट से लेकर मरदानपुर, बाबरी तक टीमों ने सर्चिंग की, लेकिन इसके बाद भी अब तक मनोज सेन का सुराग नहीं मिल सका है। उल्लेखनीय है कि मनोज सेन सोमवती अमावस्या के एक दिन पहले पत्नी के साथ सीहोर से आंवलीघाट पहुंचा था। इसके बाद अगले दिन सुबह 5 बजे मनोज सेन अपनी पत्नी साथ के साथ में नर्मदा स्नान करने के लिए नर्मदा में उतरा। थोड़ी देर बाद मनोज सेन की पत्नी तो बाहर आ गईं, लेकिन मनोज नर्मदा में स्नान करता रहा। काफी देर बाद भी जब वह बाहर नहीं निकला तो पहले तो उसकी पत्नी ने घाट पर ही इधर-उधर खोजा, लेकिन इसके बाद भी कहीं पता नहीं चला तो उसने पुलिस टीम को सूचना दी। इसके बाद रेहटी थाना प्रभारी राजेश कहारे ने तत्काल गोताखोरों को सर्चिंग ऑपरेशन में लगाया। इसके साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को भी बुलाकर सर्चिंग ऑपरेशन में लगाया गया। रेहटी थाना पुलिस भी जुटी रही। तीन दिनों तक लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चला। इस दौरान आंवलीघाट से लेकर बाबरी घाट तक टीमों ने युवक मनोज सेन को खोजा, लेकिन कहीं पता नहीं चल सका।
अब उम्मीदें भी हो रही खत्म-
तीन दिनों से लापता मनोज सेन को खोजने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं, लेकिन अब तक कोई पता नहीं चल सका है। इससे जहां परिजनों की उम्मीदें भी अब खत्म होती नजर आ रही है तो वहीं पुलिस एवं सर्चिंग टीम को भी आशंका है कि मनोज सेन या तो बहकर बहुत आगे निकल चुका होगा या फिर किसी पत्थर में फंस गया है। तीन दिनों तक लगातार सर्चिंग के बाद भी अब तक कोई पता नहीं चल सका है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि तीन दिनों में बॉडी फूलकर पानी से बाहर आ जाती है, लेकिन हो सकता है कि बॉडी किसी पत्थर में फंस गई हो तो बाहर नहीं आ पा रही है।
परिजनों का रो-रोकर है बुरा हाल-
इधर मनोज सेन के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी पत्नी एवं बेटे सहित अन्य परिजन सदमें में हैं। मनोज सेन के दो बेटे एक 18 वर्ष एवं एक 20 वर्ष का है। इसके अलावा अन्य परिजन भी गहरे दुख में डुबे हुए हैं। उनके रिश्तेदार भी हर दिन सीहोर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं। प्रार्थनाएं भी हो रही हैं, लेकिन इसके बाद भी अब तक कहीं पता नहीं चल सका है। हालांकि अब भी परिजन यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनका बेटा उनके पास जरूर आएगा।