आष्टा। हमारे देश के संविधान की यह विशेषता है कि भारत में विभिन्न जाति, विभिन्न भाषा, विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं। विभिन्नता में भी एकता ये ही हमारे देश की विशेषता है। हम सभी को भारतीय संविधान ने अधिकार दिए हैं और हमें भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करना चाहिए। इतनी विभिन्नता होने के बाद भी भारत के संविधान की वजह से आज हम एक हैं, लेकिन कुछ फिरका परस्त ताकते हमारे बीच में खाई पैदा करने का प्रयास कर रही हैं। हम लोगों की जिम्मेदारी है कि हमें इनसे बचना चाहिए। यह बातें कोमी एकता कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में पधारे मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कही। उन्होंने कहा कि हमारा भी यह नैतिक कर्तव्य कि हमें इन ताकतों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। आज देश में कांग्रेस नेता राहुल गांधी हजारों किलोमीटर पैदल चलकर देश में भाईचारे और देश को जोड़ने की बात कर रहे हैं। उनके हाथों को हमें मजबूत करना है और देश में अमन, भाईचारा पैदा करना है और यह काम सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी कर सकती है, जिसमें 60 सालों से देश को जोड़कर रखा है। पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि राहुल गांधी ने जो मोहब्बत की दुकान खोलने का काम किया है वह हिमाचल से शुरू हुआ और कर्नाटक पहुंचा। अब यह दुकान मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में भी खुलने वाली है। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारों का हनन हो तो इसके लिए हमें लड़ना भी चाहिए। इस आयोजन में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और बुजुर्गों का सम्मान किया गया, साथ ही लोकतंत्र के चौथा स्तंभ शहर के पत्रकारों का भी शॉल, श्रीफल से सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में हैदर यार खान पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष, कैलाश परमार पूर्व जनपद अध्यक्ष, बलबहादुर सिंह ठाकुर, डॉ. मीना सिंधी, दशरथ सिंह ठाकुर, डॉ. ओपी वर्मा, शांतिलाल मंडलोई, प्रहलाद सिंह एडवोकेट, शमीम अहमद, भीम सिंह ठाकुर, मुबारिक उद्दीन, सोहेल मिर्जा, शेख नईमुद्दीन, एचआर परमार, डॉ हेमंत वर्मा, ठाकुर प्रसाद वर्मा, शेख रईस अनीस भाई, राजेश यादव, आत्माराम परमार, मोहसिन खान, ममनून खान भैय्या एमपी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता हिफ्जरहमान भैया मियां, भोपाल के पूर्व महापौर दीपचंद यादव, कमल पहलवान, शफीक खां, एके कुरैशी, भैरूसिंह ठाकुर, राधा कृष्ण जी धारवा, रईस कुरैशी, हेमंत बनवाट, बद्री प्रसाद पाटीदार, सफी मौलाना साहब, रतन सिंह ठाकुर, विनीत सिंधी, सुनील सेठी, शोभाल सिंह ठाकुर, मुगलि रसीद, नेताजी सलीम अंसारी, ओम नामदेव, राजेंद्र ठाकुर रामपुरा, बाबू पठान, मुस्ताक खां, ढोडी नरेंद्र भाटी, राजेन्द्र ठाकुर, लाखू खेड़ी, देवकरण सेठ आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।