सीहोर : नेशनल लोक अदालत में 6906 प्रकरणों का निराकरण, 13 करोड़ 26 लाख 49 हजार 284 रूपए जमा हुई समझौता राशि
अलग-अलग रह रहे दंपति नेशनल लोक अदालत से खुशी-खुशी साथ लौटे
Sumit Sharma
सीहोर। जिले में जिला एवं तहसील स्तर पर वर्ष-2025 की प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने किया। लोक अदालत में 6906 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 13 करोड़ 26 लाख 49 हजार 284 रूपए जमा हुई। प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमें हर योजना को उसके मूर्तरूप में लागू कर आमजन को लाभान्वित करना चाहिए। आमजन को सस्ता सरल और सुलभ न्याय दिलाने का लोक अदालत एक प्रभावी स्थान है, जो वर्तमान समय में समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से लोगों का धन और समय दोनों की बचत के साथ ही आपसी सौहार्द भी बना रहता है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने विवाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं एवं विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने न्यायालय परिसर में लगाए गए बैंक, नगर पालिका, विद्युत मंडल आदि के स्टॉलों का निरीक्षण भी किया। कुल 6906 प्रकरणों का किया गया निराकरण – आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 6906 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 13 करोड़ 26 लाख 49 हजार 284 रूपए जमा हुए हैं। नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराए जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित 1199 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 851 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ एवं समझौता राशि 6 करोड़ 70 लाख 74 हजार 639 रुपए जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 20248 प्री लिटिगेशन प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 6055 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 6 करोड़ 55 लाख 74 हजार 645 रुपए जमा कराई गई। अलग-अलग रह रहे दंपति खुशी-खुशी साथ लौटे – नेशनल लोक अदालत में आवेदक मेहविस बी ने अपने पति सलमान के विरूद्ध तथा रजनी मीना ने अपने पति कृष्णकांत मीन के विरूद्ध कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में भरण पोषण के लिए मामला प्रस्तुत किया था। दोनों प्रकरणों में दंपत्तियों के विवाह होने के बाद उनके एक-एक पुत्र हैं। इन दोनों ही प्रकरणों में साथ रहे पति-पत्नि के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक बातों को लेकर वह अलग-अलग रहने लगे थे जो कि विवाद में परिवर्तित हो गया और अलगाव की स्थिति निर्मित हो गई। इन प्रकरणों में पारिवारिक मामला तथा भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए कुटुम्ब न्यायालय वैभव मंडलोई एवं प्रधान न्यायाधीश की समझाईश के पश्चात दोनों पक्षों ने राजीनामा कर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की तथा दोनों दंपत्ति एक-दूसरे को माला पहनाकर खुशी-खुशी घर लौटे। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष प्रस्तुत लंबित मोटरयान दुर्घटना अधिकरण के प्रकरण में उन्नीस लाख रूपए राशि में दो पक्षों के मध्य समझाइश करवाकर राजीनामा करवाया गया। इसी प्रकार आवेदक उमेश की पत्नि प्रिया एवं उनकी मां के बीच आपसी मतभेद लड़ाई-झगडे़ के कारण प्रतिदिन विवाद की स्थिति निर्मित होने से वह अलग रहने लगे थे। इस संबंध में उमेश ने कार्यालय में सुलह समझाइश के माध्यम से निराकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। इस प्रकरण में स्वप्नश्री सिंह द्वारा सुलह समझाईश कराकर दोनों पक्षों के मध्य राजीनामा करवाया गया। इसके बाद दोनों दंपत्ति एक-दूसरे को फूल-माला पहनाकर खुशी-खुशी घर रवाना हुए। राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा फूल माला एवं पौधे भी वितरित किए गए। यह थे उपस्थित – कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय वैभव मंडलोई, विशेष न्यायाधीश हेमंत जोशी, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश संजय गोयल, द्वित्तीय जिला न्यायाधीश एमके वर्मा, तृतीय जिला न्यायाधीश अभिलाष जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीता गुप्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव स्वप्नश्री सिंह एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम यादव, जिला विधिक सहायता अधिकारी जीशान खान, सत्य साईं विश्वविद्यालय सीहोर से फैकल्टी सदस्य एवं आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, एनजीओ के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, मुख्यालय सीहोर के पैनल एवं अन्य अधिवक्तागण लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स, खंडपीठ सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, पक्षकारगण न्यायालयीन कर्मचारी गण, पैरालीगल वालेन्टियर्स आदि उपस्थित रहे।