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सीहोर: जिलेभर में अब तक औसत वर्षा 723.7 मिलीमीटर दर्ज

सीहोर। सीहोर जिलेभर में लगातार बारिश का दौर जारी है। जिले में बीते 24 घंटे के दौरान 22.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई तो वहीं अब तक 723.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। वर्षामापी केन्द्र सीहोर में 55.0 मिलीमीटर, श्यामपुर में 15.0, आष्टा में 13.0, जावर में 10.3, इछावर में 33.0, भैरूंदा में 7.0, बुधनी में 26.6, रेहटी में 22.0 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। वहीं 1 जून से 4 अगस्त तक 723.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। गत वर्ष इसी अवधि में औसत वर्षा 655.3 मिलीमीटर थी। जिले की वर्षा ऋतु में सामान्य औसत वर्षा 1148.4 मिलीमीटर है। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से 4 अगस्त 2024 तक जिले के वर्षामापी केन्द्र सीहोर में 898.8 मिलीमीटर, श्यामपुर में 774.5, आष्टा में 675.0, जावर में 470.0, इछावर में 933.5, भैरूंदा में 563.4, बुधनी में 703.2 तथा रेहटी में 771.0 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

बरगी बांध के चार गेट और खोले –
रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना अंतर्गत बरगी बांध के जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध के चार और स्पिल-वे गेट खोले गए हैं। डैम के 09 गेट पूर्व में खोले जा चुके हैं तथा जल निकासी की मात्रा बढ़ाकर 1 लाख 12 हजार 160 क्युसेक पानी की निकासी की जाएगी। बरगी बांध के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे ने जानकारी दी कि रविवार 4 अगस्त की सुबह बांध का जलस्तर 421.25 मीटर रिकार्ड किया गया था जो ऑपरेशनल मैन्युल के अनुसार 15 अगस्त तक निर्धारित 421 मीटर से अधिक है। उन्होंने बताया कि कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के कारण बांध 88 प्रतिशत भर चुका है। बांध के बैक वाटर से मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। उन्होंने जानकारी दी कि बांध में वर्तमान में 4 हजार 523 क्युमेक पानी की आवक हो रही है। परियोजना प्रशासन ने बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए जल निकासी की मात्रा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बांध के चार जलद्वार और खोले गए हैं तथा कुल 13 गेटों से 3 हजार 176 क्युमेक (1 लाख 12 हजार 160 क्युसेक) पानी की निकासी की जाएगी। सभी तेरह गेटों को औसतन 1.96 मीटर ऊंचाई तक खोला जाएगा। अभी बांध के 1.72 मीटर औसत ऊंचाई तक खुले नौ गेटों से 76 हजार 986 क्युसेक (2 हजार 180 क्युमेक) पानी छोड़ा जा रहा है। बरगी बांध के कार्यपालन यंत्री के मुताबिक बांध के स्पिल-वे गेटों से जल निकासी की मात्रा इसमें पानी की आवक को देखते हुए कभी भी और बढ़ाई जा सकती है अथवा घटाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि बांध के गेटों से जल निकासी की मात्रा बढ़ाने से नर्मदा के घाटों पर वर्तमान जलस्तर से 8 से 10 फुट की और बढ़ोतरी होगी। सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने निचले क्षेत्र के रहवासियों से नर्मदा तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया है।

पुल, पुलियों एवं रपटों पर बैरिकेडिंग कर लगाई गई कर्मचारियों की ड्यूटी-
कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देशानुसार भारी बारिश के कारण दुर्घटना की संभावना को देखते हुए जिले के जिन पुल, पुलियों, रपटों पर पानी है, उन मार्गों पर सुरक्षा की दृष्टि से आवागमन रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। इसके साथ ही राजस्व, पंचायत ग्रामीण विकास एवं लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि आवागमन को रोका जा सके। जिले के जिन पुल-पुलियों तथा मार्गों की बैरिकेडिंग की गई है उनमें कर्बला पुल सीहोर, सिकंदरपुर, नाईहेडी, गोलूखेड़ी धामंदा, सतरोनिया, अतरालिया, जमुनिया खुर्द में पुल/रपटा के ऊपर पानी आने के कारण आवागमन बंद कर दिया गया है। पुल, पुलियों एवं रपटों से पानी कम होते ही आवागमन सुचारू रूप से चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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