सीहोर हुआ हिन्दीमय, जिलेभर में हुए आयोजन

- जिला मुख्यालय पर अलग-अलग कार्यक्रमों में बताई प्रबुद्धजनों ने हिन्दी की महत्ता, टॉउनहाल में दीपों से बनाई सीहोर जिले की आकृति

सीहोर। भोपाल में 16 अक्टूबर को चिकित्सा शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व जिला मुख्यालय सहित जिलेभर को पूरी तरह हिन्दीमय बनाया गया। इस दौरान जिला मुख्यालय सहित जिलेभर के स्कूल-कॉलेजों में हिंदी प्रेमी सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में अनेक साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों ने हिंदी के महत्व और उपयोग पर व्याख्यान दिया। हिंदी प्रेमी सम्मेलन के तहत जिले के समस्त महाविद्यालय तथा स्कूलों में हिंदी विमर्श-संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिला मुख्यालय में यह कार्यक्रम शासकीय चन्द्रशेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित किया गया। शाम को नगर के टॉउन हाल में दीपों से सीहोर जिले की आकृति बनाई गई एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
हिंदी के महत्व और उपयोग पर प्रकाश डालते हुए विधायक सुदेश राय ने कहा कि अपने विचारों के साथ भावों को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने की हिंदी से सशक्त कोई दूसरी भाषा नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्य भाषाओं का ज्ञान होना अच्छी बात है, लेकिन अपनी मातृभाषा का उपयोग करना, अपनी संस्कृति और अपनी मातृभाषा पर गर्व करना है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं, किसी भी देश में चले जाएं, हमारी भाषा और हमारी मिट्टी की खुशबू हमारे व्यवहार से झलकती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां मेडिकल की पढ़ाई हिंदी माध्यम से होगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिंदी में होने से प्रदेश के अनेक बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने कहा कि हिंदी माध्यम के बच्चों के लिए यह बड़ी सौगात है कि वह मेडिकल की पढ़ाई पूरी दक्षता से हिंदी माध्यम से कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान को समझने के लिए, चिकित्सा को समझने के लिए, शरीर की संरचना को समझने के लिए किसी भाषा की बाध्यता नहीं होती। उन्होंने कहा कि चीन, जापान, रूस सहित अनेक देशों में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई उनकी अपनी भाषा में होती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी माध्यम से कराए जाने का निर्णय ऐतिहासिक कदम है। प्रदेश के हिंदी माध्यम के छात्रों को अब अपनी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर को मेडिकल के हिंदी पाठ्यक्रम का शुभारंभ लाल परेड ग्राउंड भोपाल में होगा। इस अवसर पर हिंदी मे लिखित चिकित्सा पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन भी किया जाएगा।
नगर के साहित्यकार ओम दीप एवं शैलेश तिवारी ने हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हिंदी समृद्ध भाषा है। चाहे तकनीकी शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा शिक्षा का, दोनों ही क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए हिंदी सक्षम और सशक्त है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई विषय वस्तु नहीं है, जिसे हिंदी के माध्यम से प्रभावपूर्ण ढंग से व्यक्त न किया जा सके। उन्होंने कहा कि ज्ञान की अभिवृद्धि के लिए अन्य भाषाओं की जानकारी होना आवश्यक है, लेकिन संवाद और अभिव्यक्ति के लिए अपनी मातृभाषा का ही उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने 16 अक्टूबर को प्रदेश में हिंदी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा के हिंदी पाठ्यक्रम की शुरूआत कर देश का पहला राज्य होने का गौरव हासिल किया है। जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह, शासकीय चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय प्राचार्य उर्मिला सलूजा सहित अनेक साहित्यकार एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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