गुटबाजी की भेंट चढ़ा सीहोर भाजपा नगर मंडल, 8 महीने से अटकी कार्यकारिणी

सीहोर। भारतीय जनता पार्टी के सीहोर नगर मंडल में संगठनात्मक खींचतान और गुटबाजी का खामियाजा संगठन को भुगतना पड़ रहा है। पिछले आठ महीनों से यहां की कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका है, जबकि जिले के 24 में से 23 मंडलों का गठन हो चुका है। इस देरी के पीछे प्रमुख कारण गुटबाजी को माना जा रहा है, जिसने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है।
नगर मंडल अध्यक्ष सुदीप प्रजापति, जिन्हें विधायक सुदेश राय का करीबी माना जाता है ने अपनी कार्यकारिणी की सूची महीनों पहले ही जिलाध्यक्ष को सौंप दी थी, लेकिन उस पर अब तक मुहर नहीं लग सकी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस देरी की वजह कार्यकारिणी में नामों को लेकर बनी अंदरूनी असहमति है। बताया जा रहा है कि पार्टी के भीतर अलग-अलग धड़े अपने समर्थकों को जगह दिलाना चाहते हैं, जिससे फैसला टल रहा है।
नए मंडल के गठन की भी चर्चा
इसी बीच नगर में बढ़ते 92 बूथों के कारण पार्टी ने एक नया रास्ता निकालने का विचार किया है। पार्टी गाइडलाइन के अनुसार इतने अधिक बूथों वाले क्षेत्र में दो मंडल होने चाहिए। इसलिए अब सीहोर में एक नया मंडल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार नए मंडल के गठन को लेकर संगठन स्तर पर चर्चा चल रही है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
बाजार क्षेत्र बना राजनीति का प्रमुख केंद्र
नए मंडल के गठन की सुगबुगाहट के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर का प्रमुख बाजार क्षेत्र किस मंडल में शामिल होगा। यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि यहीं पर धरना-प्रदर्शन और रैलियां होती हैं। यह माना जा रहा है कि जो भी मंडल बाजार क्षेत्र को अपने अधिकार क्षेत्र में लाएगा, उसका अध्यक्ष स्वाभाविक रूप से नगर की राजनीति में एक बड़ा चेहरा बनकर उभरेगा।

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