सीहोर कांग्रेस का 7 दिन का अल्टीमेटम भी बेअसर!

सीहोर। 1 सितंबर को सीहोर जिला मुख्यालय पर हुए राजनीतिक घटनाक्रम के मामले में सीहोर कांग्रेस को निराशा ही हाथ लगी है। दरअसल, इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने पहले 3 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो बेअसर रहा, उसके बाद 4 सितंबर को 7 दिन का अल्टीमेटम पुलिस कार्रवाई के लिए दिया गया था, वह भी आज 11 सितंबर को बेअसर साबित हो गया है। हालांकि यहां विडम्बना यह है कि इस घटनाक्रम में कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं ने सीहोर के कांग्रेसियों का साथ नहीं दिया है।
बता दें 1 सितंबर को सीहोर जिला मुख्यालय पर राजनीतिक घटनाक्रम घटित हुआ, जिसमें बीजेपी की महिला मोर्चा द्वारा बस स्टैंड स्थित कांग्रेस कार्यालय के सामने राहुल गांधी का पुतला जलाने का कार्यक्रम निर्धारित किया। इस दौरान बीजेपी के बड़े नेताओं सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। घटनाक्रम के दौरान हुई छिना झपटी में एक बीजेपी कार्यकर्ता को चोंट आई गई थी। जिससे नाराज बीजेपी नेताओं ने कोतवाली थाने पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान गालीबाजी भी हुई थी।
कांग्रेस भी पहुंची थी थाने
घटना वाले दिन ही कांग्रेस नेता भी कोतवाली थाने पहुंचे थे और कांग्रेस कार्यकर्ता पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने के साथ ही बीजेपी नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, इस दौरान 3 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था, जो बेअसर रहा। फिर 4 सितंबर को कांग्रेस नेता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे, जहां एसपी के नाम एएसपी को ज्ञापन देकर 7 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था, जो आज 11 सितंबर तक बेअसर रहा, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जिसकी सत्ता, उसकी वजनदारी
राजनीतिक घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। बावजूद इस मामले में बीजेपी की ओर से ही एफआईआर दर्ज हुई, जबकि कांग्रेस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर अब राजनीतिक जानकार भी यही कहते नजर आ रहे हैं, जिसकी सत्ता होती है, वजनदारी भी उसी पार्टी की होती है।

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