सीहोर: अतिथि शिक्षकों की मांग…. मुख्यमंत्रीजी या तो जहर दे दो या अतिथियों को नियमित कर दो

सीहोर। अतिथि शिक्षकों का गुस्सा भी अब बढ़ने लगा है। यही कारण है कि वे लगातार शासन-प्रशासन से अपनी मांगों को लेकर अपील कर रहे हैं, धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। अब उनका धैर्य भी जबाव देने लगा है। अतिथि शिक्षकों ने बेरोजगारी से तंग आकर अब मांग की है कि मुख्यमंत्रीजी या तो अब जहर दे दो या फिर अतिथि शिक्षकों को नियमित कर दो।
सीहोर जिले सहित प्रदेशभर में 70 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक हैं। ज्यादातर स्कूलों में इन अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही शैक्षणिक कार्य कराया जाता है, लेकिन इसके बाद भी इन अतिथियों की नहीं सुनी जा रही है। प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक अपने नियमितीकरण सहित कई अन्य मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब उन्होंने ज्ञापन देने की बजाए मुख्यमंत्री से जहर की मांग की है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि बरसों से सेवाएं देते-देते उनकी रीढ़ की हड्डी तक टूटने की स्थिति में आ गई है। कई-कई महीने तक वेतन नहीं मिलता है। प्राचार्य तथा बाबू भी उन पर आदेश चलाते हैं। पूरे समय स्कूल में रोका जाता है। शत-प्रतिशत रिजल्ट देने के बाद भी उनको अभी तक नियमित नहीं किया गया है। उनके पढ़ाई बच्चे अधिकारी बन गए, लेकिन उनसे परीक्षा देने की बात की जाती है। यह सरासर अन्याय है। अतिथि शिक्षकों का कहना है या तो उन्हें नियमित कर दिया जाए या फिर मुख्यमंत्री उन्हें जहर दे दे तो एक बार में ही जीवन लीला खत्म कर ली जाए। सारा टेंशन ही खत्म हो जाएगा। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से 12 महीने के सेवाकाल तथा 62 वर्ष तक की अवधि तक की सेवा मांगी है। उनके पदों को रिक्त ना समझा जाए तथा जिन अतिथि शिक्षकों को अभी 2 साल के अंदर हटा दिया गया है उन सभी को पुनः नियुक्ति दी जाए। अतिथि शिक्षकों का यह भी कहना है यदि मुख्यमंत्री उन्हें नियमित करते हैं तो वे सभी 70,000 से अधिक अतिथि शिक्षक समर्पण भाव से मुख्यमंत्री के प्रति आभारी रहेंगे।

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