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सीहोर : दिग्विजय सिंह के सामने उठी मांग, बाहरी बर्दास्त नहीं, स्थानीय उम्मीदवार को मिले टिकट तो जीत पक्की

- दिग्विजय सिंह बोले- यदि राजा, महाराजा, जमींदार नहीं बिकते तो कांग्रेस की सरकार होती

सीहोर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सीहोर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सेक्टर, मंडलम प्रभारियों एवं अध्यक्षों की बैठक ली। इस दौरान बैठक में स्थानीय नेता को ही टिकट देने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। बैठक में दिग्विजय सिंह ने सेक्टर एवं मंडलम प्रभारियों को बोलने का मौका दिया। इस दौरान मंच से मांग की गई कि यदि कांग्रेस ने किसी स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दिया तो कांग्रेस की जीत पक्की है और किसी बाहरी को टिकट मिला तो फिर कोई भी कुछ नहीं कर पाएगा। इससे पहले सीहोर पहुंचे दिग्विजय सिंह का पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, जिला पंचायत सदस्य शशांक सक्सेना, इछावर के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल, पार्षद एवं युवा नेता राजीव गुजराती, कांग्रेस के जिला सचिव पंकज शर्मा, सुदीप व्यास सहित अन्य कांग्रेसियों ने भव्य अगवानी की। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने पत्रकारवार्ता की।
दिग्विजय सिंह बैठे नीचे, महिलाओं को मंच पर बैठाया-
सीहोर के यशराज गार्डन में आयोजित सेक्टर, मंडलम प्रभारियों की बैठक में दिग्विजय सिंह मंच पर पहुंचे, लेकिन वे मंच पर बैठने की बजाए नीचे बैठे और उन्होंने बैठक में मौजूद रहीं महिलाओं को मंच पर बैठाया। बैठक में कांग्रेस की पूर्व पदाधिकारी रूकमणि गोहिला ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सीहोर के कार्यकर्ताओं का कोई कसूर नहीं है। कसूर होता है आप जैसे बड़े नेताओं का, जो हमें बाहरी प्रत्याशी थोप दिया जाता है और वह हारकर चला जाता है। 10 साल हो गए हैं सीहोर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भुगतते-भुगतते, लेकिन इस बार नहीं भुगतेंगे। इस बार कोई बाहरी नहीं चलेगा। यदि स्थानीय प्रत्याशी को टिकट मिलेगा तो सीहोर के कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता तन, मन, धन से जीता कर लाएंगे और यदि बाहरी को टिकट दिया गया तो हारने से भी कोई नहीं रोक सकता। सीहोर का ही प्रतिनिधि बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीहोर के कांग्रेसियों को धार्मिक आयोजनों में जाने में शर्म आती है, राम का नाम लेने में शर्म आती है। सभी को धार्मिक आयोजनों, रैलियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और अपनी उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए।
जिलाध्यक्ष पर निकाला गुस्सा, कार्यप्रणाली से असंतुष्ट दिखे कार्यकर्ता-
बैठक में दिग्विजय सिंह के सामने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह तोमर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए। बैठक में मंडलम, सेक्टर प्रभारियों ने आरोप लगाए कि ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी तो उन्हें कम से कम पूरा टर्न काम करने का मौका मिलना चाहिए, लेकिन ब्लॉक अध्यक्ष को पहले नियुक्ति दी गई और फिर हटा दिया गया, इससे बाहर अच्छा मैसेज नहीं जाता है।
इन जनप्रतिनिधियों की भी ली बैठक-
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीहोर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के जिला पंचायत, जनपद पंचायत, नगर पालिका पार्षद, ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधि, सेवादल, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, किसान कांग्रेस, आईटी सेल, एनएसयूआई सहित सभी प्रकोष्ठों के सदस्य एवं सभी वरिष्ठ, कनिष्ठ, पूर्व व वर्तमान पदाधिकारियों सहित कांग्रेस के समस्त कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक की। इस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्यों को ही आमंत्रित किया गया है।
राजा, महाराजा, जमींदार बिक गए, इसलिए गिर गई सरकार : दिग्विजय सिंह
कांग्रेसी मंदिर एवं धार्मिक स्थलों पर जाते हैं तो भाजपा के लोगों को दर्द होता है, लेकिन अब मोहन भागवत भी मस्जिद- मदरसों में जाने लगे हैं। हमें भी दर्द होता है। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने परिवर्तन किया, लेकिन कुछ लोग बिक गए। इनमें हमारे गरीब विधायक तो नहीं बिके, लेकिन राजा, महाराजा, जमीदार जैसे लोग बिक गए और कांग्रेस की सरकार गिर गई। यदि कांग्रेस की सरकार होती, कांग्रेसी एकजुट होते तो किसानों की कर्जमाफी हो जाती। मध्यप्रदेश में रेत का अवैध कारोबार नहीं होता। मध्यप्रदेश में कुशासन की जगह प्रशासन चलता, लेकिन राजा, महाराजा बिक गए।
यह बातें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कही। वे अपने सीहोर दौरे के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इससे पहले सीहोर पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, युवा नेता एवं पार्षद राजीव गुजराती, जिला पंचायत सदस्य शशांक सक्सेना, पंकज शर्मा सहित अन्य कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत, सत्कार किया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं संगठन के निर्देश के अनुसार उन्हें मध्यप्रदेश की 66 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। जहां से कांग्रेस हारती रही है। इनमें से अब तक वे 23 विधानसभा सीटों पर जाकर पार्टी पदाधिकारियों, संगठन के साथ चर्चा करके बैठक कर चुके हैं। अब सीहोर आए हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकारने में बिल्कुल भी अफसोस नहीं है कि हमारा संगठन कमजोर है। हम चुनाव वाले दिन, वोटिंग वाले दिन बूथ मैनेजमेंट करने में असफल रहते हैं। यह हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है। कांग्रेस संगठन जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है, लेकिन अब पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बूथ मैनेजमेंट को लेकर रणनीति बनाई है। अब कांग्रेस को सेक्टर एवं मंडलों में बांटा गया है। हर सेक्टर, मंडलम सहित हर जिले के प्रभारी बनाए गए हैं, ताकि संगठन को मजबूती दी जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि 15 साल की भाजपा सरकार की वादाखिलाफी, कुशासन, भ्रष्टाचार से जनता परेशान है। अब मध्यप्रदेश की जनता परिवर्तन चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलवामा मामले को लेकर कहा कि जो उन्होंने आरोप लगाए थे वह सभी आरोप अब सही साबित सही हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें देशद्रोही बोला, लेकिन आज तक कोई भी यह साबित नहीं कर पाया कि दिग्विजय सिंह देशद्रोही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गुलाम नबी आजाद जब तक कांग्रेस में थे, तब तक वे आजाद थे, लेकिन कांग्रेस से जाते ही गुलाम हो गए हैं। कांग्रेस तो उनको नवी बनाना चाहती थी, लेकिन उन्हें गुलामी पसंद थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने लहार की घटना को लेकर भी भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि लहार नगर परिषद में एक भी भाजपा के पार्षद नहीं है। वहां पर भाजपा नेता अवैध जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। इसको लेकर नगर परिषद जब कब्जा हटाने गई तो भाजपाइयों ने तहसीलदार और सीएमओ पर हमला कर दिया, जबकि हाईकोर्ट ने भी अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया है। एक सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि रामेश्वर शर्मा उनके सामने अभी बच्चा है।

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