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सीहोर: मकर संक्रांति पर श्रद्धालु ने लगाई नर्मदा में डुबकी, उड़ाई पतंग, लड़ाए पेच

घरों में बनी खिचड़ी, मंदिरों में हुई पूजा, लगाया तिल के लड्डू का भोग

सीहोर। आस्था, खुशी और समृद्धि के प्रतीक का पर्व मकर संक्रांति पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु-भक्तों ने मां नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। सुबह से ही स्नान के लिए नर्मदा में भक्तों की भीड़ पहुंची। मकर सक्रांति के अवसर पर जगह-जगह पतंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। इधर घर-घर में खिचड़ा बनाया गया तो वही मंदिरों में भी महिलाओं ने पहुंचकर भगवान को तिल के लड्डू का भोग लगाया। महिलाओं ने मकर सक्रांति पर एक-दूसरे को तिलक लगाकर लड्डू एवं सामग्री का आदान-प्रदान भी किया।
इस बार मकर संक्रांति को लेकर कई जगह भ्रम की स्थिति भी बनी रही। कई जगह 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मना ली गई तो वहीं कई जगह 15 जनवरी को मनाई गई। नर्मदा स्नान के लिए दोनों दिन श्रद्धालु पहुंचे। 15 जनवरी को जिले के आंवलीघाट, नीलकंठ, सीलकंठ, बुधनी, बाबरी, नेहलाई सहित कई अन्य नर्मदा घाटों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
प्रशासन भी रहा मुस्तैद, जगह-जगह लगी रही पुलिस –
मकर संक्रांति को लेकर प्रशासन भी मुस्तैद रहा। पुलिस प्रशासन ने जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया तो वही नर्मदा किनारे पर गोताखोरों की टीम भी तैनात रही। अधिकारी भी लगातार नजर बनाए रखे रहे। आंवलीघाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान के बाद सलकनपुर पहुंचकर मां बिजासन के दर्शन किए।
इसलिए मनाया जाता है मकर संक्रांति का पर्व –
मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। संक्रांति पर स्नान दान का विशेष महत्व रहता है। इस दौरान नर्मदा सहित अन्य नदियों के किनारे मेले भी लगते हैं। पर्व की परंपरा अनुसार लोग स्नान के उपरांत पूजा-अर्चना व दान-पुण्य करते हैं।
शशांक सक्सेना ने बढ़ाया पतंगबाजों का हौंसला-
मकर संक्रांति का त्यौहार जिलेभर में उत्साह और परंपरा के अनुसार मनाया गया। इस दौरान जहां पतंग उड़ाने की परंपरा का निर्वहन जिलेभर में किया गया, तो वहीं साइकिल दौड़ प्रतियोगिमा का आयोजन भी हुआ। इन आयोजनों में पहुंचकर जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस नेता शशांक सक्सेना ने पतंगबाजों एवं साइकिल चलाने वालों की हौसलाअफजाई की। सीहोर के बीएसआई मैदान पर पतंग प्रतियोगिता का आयोजन युवा समिति के तत्वाधान में हुआ। इसमें पतंगबाजों का हौंसला बढ़ाने के लिए जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शशांक सक्सेना भी पहुंचे। उन्होंने पतंगबाजों के साथ पतंग उड़ाई और पतंग उड़ाने वालों का उत्साहवर्धन भी किया। प्रतियोगिता में युवाओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और जमकर पेंच लड़ाए व पेंच काटे। सबसे अधिक पेंच काटने वालों को समिति द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। अधिक पेंच काटने वाले रोहित बग्गा और अंशुल गुर्जर को समिति अध्यक्ष हर्ष बैरागी व समिति सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शशांक के द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। इस मौके पर शशांक सक्सेना ने युवा समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि त्योहारों के अवसर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताएं युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए मंच प्रदान करती हैं। इससे उनके भीतर छुपी हुई प्रतिभा को दिखाने का मौका मिलता है।
साइकिल दौड़ प्रतियोगिता संपन्न-
इधर मकर संक्राति के अवसर पर शहर की नवरंग नव युवा संगठन बड़ी ग्वालटोली में साइकिल दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शशांक सक्सेना उपस्थित रहे। उन्होंने साइकिल दौड़ में शामिल युवाओं का उत्साहवर्धन किया एवं कार्यक्रम आयोजक गगन यादव, राहुल यादव, कार्यक्रम संयोजक नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, पार्षद घनश्याम यादव की उपस्थिति में विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया। साइकिल दौड़ प्रतियोगिता मुरली अंडर ब्रिज से शुरू हुई और ग्राम थूना तक का मार्ग तय किया। इस साइकिल प्रतियोगिता में युवाओं ने उत्साह के साथ भाग लेकर पुरस्कार हासिल किए।
दो दिवसीय मकर संक्रांति पर्व का समापन
हर साल की तरह इस साल भी शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में श्रद्धा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में दो दिवसीय मकर संक्रांति पर्व का आयोजन किया गया। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन की जिलाध्यक्ष ज्योति अग्रवाल, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, केन्द्र प्रभारी नटवर कुशवाहा और आश्रम की ओर से राकेश शर्मा आदि की उपस्थित में विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण कर महोत्सव का समापन किया गया। महोत्सव के दूसरे दिन पतंगबाजी प्रतियोगिता के अलावा गिल्ली-डंडा, क्रिकेट आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया था। इस मौके पर ज्योतिषाचार्य पंडित श्री शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति का सनातन धर्म में काफी महत्व है। हिंदू धर्म के महाकाव्य कहे जाने वाले ग्रंथ महाभारत के सबसे प्रमुख पात्र भीष्म पितामह ने अपनी देह को त्यागा था। पौराणिक कथाओं कें अनुसार अठारह दिनों के युद्ध में दस दिनों तक अकेले घमासान युद्ध करके भीष्म ने पांडव पक्ष को व्याकुल कर दिया और अंत में शिखंडी के माध्यम से अपनी मृत्यु का उपाय स्वयं बताकर महाभारत के इस अद्भुत योद्धा ने शरशय्या पर शयन किया। उनके शरशैया पर लेटने के बाद युद्ध 8 दिन और चला।
आर्य समाज ने किया वैदिक यज्ञ का आयोजन-
मकर सक्रांति के अवसर पर आर्य समाज लोधी मोहल्ला गंज सीहोर द्वारा वैदिक यज्ञ का संगीतमय आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित आर्य समाज निपानिया कला के मंत्री डॉ. ब्रजेश झलावा, इलु झलावा एवं तबला वादक विकास दिनकर द्वारा ईश्वर भक्ति एवं देश भक्ति गीतों का गायन किया गया एवं आर्य समाज व वैदिक सांस्कृति पर विशेष रूप से प्रकाश डला गया। मकर सक्रांति के पावन पर सक्रांति पर्व की महत्ता बताई गई और बताया गया कि बिना क्रांति, बिना पुरूषार्थ, बिना परिश्रम के यह जीवन अधुरा है। इस अवसर पर यज्ञ के मुख्य यजमान नितेश नरोलिया, प्रतिमा नरोलिया द्वारा याज्ञिक कार्य संपन्न किया गया।

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