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सीहोर: डाइट प्राचार्य ने किया शालाओं का आकस्मिक निरीक्षण, शिक्षकों ने बनाए अजब-गजब बहाने

कोई बोला वे बच्चों को लेने उनके घर गए थे तो किसी ने बताया वे समय पर ही आते हैं

सीहोर। डाइट प्राचार्य अनीता बड़गुर्जर द्वारा सीहोर जिले के स्कूलों का अचानक निरीक्षण किया गया। इस दौरान ज्यादातर शालाओं में बच्चों के साथ ही शिक्षकों की उपस्थिति भी बेहद कम पाई गई। समय पर स्कूल नहीं आने पर जब शिक्षकों से पूछा गया तो वे अजब-गजब बहाने भी बनाते नजर आए। एक शिक्षक ने तो यह कहते हुए अपना बचाव किया कि वे बच्चों को लेने के लिए उनके घर गए थे। किसी ने कहा कि वे 11 बजे तक आ ही आते हैं। स्कूलों के बच्चों से जब चर्चा की गई तो उन्होंने शिक्षकों की पोल भी खोल दी। बच्चों से सामान्य ज्ञान भी पूछा गया तो वे संतुष्टिपूर्ण जबाव नहीं दे पाए।
सरकारी स्कूलों का ढर्रा सुधारने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयास असफल ही साबित हो रहे हैं। कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लगातार दिए जा रहे निर्देशों का असर भी स्कूलों के शिक्षकों पर नहीं दिखाई दे रहा है। वे अपने हिसाब से ही स्कूलों में आना-जाना करते हैं।
इन स्कूलों में किया निरीक्षण –
डाइट प्राचार्य शासकीय माध्यमिक शाला चंदेरी में सुबह 10.30 बजे पहुंचे, जहां पर शाला में दर्ज 45 विद्यार्थियों में से सिर्फ 5 ही उपस्थित थे। यहां पर 3 शिक्षक पदस्थ हैं, जिसमें से एक शिक्षक मधुबाला वर्मा डाइट में प्रशिक्षण में उपस्थित थी। 2 शिक्षक अंबिका मेवाड़ा और आरती राठौड़ बिना कारण बताए अनुपस्थित थी। छात्रों से पूछने पर उन्होंने बताया कि शिक्षक 11 बजे तक आते हैं। शासकीय प्राथमिक शाला टीटोरा में 10.45 तक शिक्षक शाला में नहीं थे। 11 बजे शिक्षक उपस्थित हुए और कारण बताया कि वे छात्रों को बुलाने घर गए थे, जबकि ये काम शाला समय से पूर्व करने का है। शासकीय प्राथमिक शाला बरखेड़ी में पुष्पा राजपूत सहायक शिक्षक उपस्थित थी। बच्चे शाला परिसर में खेल रहे थे दूसरी शिक्षिका मीना जाटव प्राथमिक शिक्षक अनुपस्थित थीं। हीरापुर में कक्षा 1 से 8 तक 28 बच्चे दर्ज हैं। मात्र 10 छात्र उपस्थित थे। 6 शिक्षक पदस्थ हैं, जिसमें से 4 शिक्षक उपस्थित पाए गए। राजीव गुप्ता माध्यमिक शिक्षक शाला में समय से उपस्थित नहीं थे। डाइट प्राचार्य जब निरीक्षण कर रही थीं उस समय वह उपस्थित हुए। इन सभी शाला में छात्रों का शैक्षणिक स्तर अच्छा नहीं पाया गया। चंदेरी प्राथमिक शाला में शिक्षिका छात्रों से गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य कर रही थी। प्राथमिक शाला चंदेरी में पालक से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि शाला समय से खुलती है। शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य अच्छे से करवाया जाता है। सभी शिक्षक जो समय से शाला में उपस्थित नहीं थे। बीआरसी को इन शाला की सतत मॉनिटरिंग हेतु निर्देशित किया गया।

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