सीहोर जिले ने हर क्लास को स्मार्ट क्लास बनाकर आज इतिहास रचा है, कलेक्टर प्रवीण सिंह बधाई के पात्र हैं : मुख्यमंत्री

जन-सहयोग से जिले के 1552 विद्यालयों में 1630 स्मार्ट टीवी लगाई गई

सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जन-सहयोग से जिले की हर क्लास को स्मार्ट क्लास बनाकर सीहोर जिले के शिक्षकों ने इतिहास रचा है। उन्होंने अपने खून-पसीने की कमाई से चार करोड़ 25 लाख रुपए इकट्ठे किए और जिले के 1552 विद्यालयों को 1630 स्मार्ट टीवी प्रदान किए। जिले के जन-प्रतिनिधियों और प्रशासन ने भी इसमें पूरा सहयोग किया। प्रदेश के विकास में सरकार के साथ समाज के सहयोग का यह अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने सीहोर जिले के हर स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने की पहल के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अद्वितीय कार्य पूरे प्रदेश को प्रेरणा देगा। मैं आज जिले के अध्यापकों का अभिनंदन करने और उनका धन्यवाद ज्ञापित करने आया हूँ। मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे इसी पवित्र भावना के साथ कार्य करें और प्रदेश के हर विद्यालय को बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का केंद्र बनाएँ। मैं शिक्षकों के प्रति आदर प्रदर्शित करते हुए उनके महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा करता हूं।
मुख्यमंत्री जिले के नसरुल्लागंज में “हर शाला-स्मार्ट शाला” कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधना सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने दानदाता शिक्षकों, जन-प्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के समाधानकारक उत्तर दिए और उन्हें प्राणायाम करके बताया। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर 20 से 25 किलोमीटर की परिधि में सीएम राइज स्कूल प्रारंभ कर रही है, जो आधुनिक एवं उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा के केंद्र होंगे। इनके लिए आधुनिक लैब, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास आदि सभी सुविधाओं से युक्त भवन बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक भवन की लागत लगभग 35 करोड़ रुपए है। आसपास के गांवों से विद्यार्थी बसों से इन विद्यालयों में जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार बच्चों को शिक्षा के लिए हर संभव सहायता दिलवा रही है। मेधावी विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत और अधिक अंक लाने पर लेपटॉप प्रदान किया जाता है। अब दसवीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को भी लेपटॉप दिए जाने का सरकार सोच रही है। उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भर रही है। प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अंग्रेजी पढ़ना चाहिए परंतु इसकी अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। स्कूलों में विद्यार्थियों को अतिरिक्त अध्ययन सहायता के लिए मुख्यमंत्री अध्ययन केंद्र खोले गए हैं। प्रदेश में शीघ्र ही 1 लाख 14 हजार सरकारी पदों पर भर्ती होगी। इसके लिए प्रशिक्षण सुविधा भी सरकार दिलवाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और उनके प्रश्नों के समाधान कारक उत्तर दिए। छात्र हरिओम विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि एग्जाम स्ट्रेस को कैसे दूर करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मेहनत करो, और परिणामों की चिंता मत करो। मन को शांत रखो। नियमित दिनचर्या रखो और प्रतिदिन योग और प्राणायाम करो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंच पर बच्चों को प्रणायाम करके भी बताया। अनुलोम-विलोम, भ्रामरी सहित 5 तरह के प्राणायाम मन को एकाग्र और स्थिर करते हैं और हर प्रकार के तनाव को दूर करते हैं।
छात्र-छात्राओं ने पूछे सवाल, मुख्यमंत्री ने दिए जबाव-
छात्रा खुशी परवीन ने मुख्यमंत्री से पूछा कि कम अंक आने पर माता-पिता का सामना कैसे करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम अंक आने पर निराश बिल्कुल मत हों। प्रसन्न चित्त होकर आगे पढ़ाई करें। दुनिया में बहुत कुछ है करने के लिए। उन्होंने बच्चों के माता-पिता से भी कहा कि बच्चों पर पढ़ाई के लिए दबाव न बनाएं। छात्र नितिन सोलंकी ने पूछा कि लेपटॉप लेने के लिए कितने घंटे पढ़ाई करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं कि कितने घंटे पढ़ाई की जाए, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि कितना एकाग्र चित्त होकर पढ़ाई की जाए। यदि पूरे ध्यान से, मन लगा कर पढ़ाई की जाए तो कम समय में भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अपने विद्यार्थी जीवन का उदाहरण देकर बताया कि वे पूरे ध्यान से पढ़ाई करते थे और जब परीक्षा देने जाते थे तो उन्हें पुस्तकों के पन्ने और शब्द तक दिखाई देते थे। छात्रा नेहा राठौर ने पूछा कि एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी में कौन-कौन से गुण होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह निष्पक्ष रूप से सोचे, उसके अंदर अहंकार न हो, वह कभी धैर्य नहीं खोए, हमेशा उत्साहित रहे और पूरी संवेदनशीलता हों। छात्रा अर्चना विश्वकर्मा ने पूछा कि मामा आप हमेशा इतने ऊजार्वान कैसे रहते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि व्यक्ति कोई अच्छा कार्य करने की मन में ठान लेता है, दृढ़ इच्छा शक्ति होती है तो ऊर्जा अपने आप अंदर पैदा होती है। मेरे मन में हमेशा यह भाव रहता है कि मुझे प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की सेवा करनी है और यही दृढ़ इच्छा शक्ति मुझे निरंतर कार्य करने की ऊर्जा प्रदान करती है। उन्होंने अपनी पत्नी साधना सिंह का उदाहरण देकर बताया कि वे जब पचमढ़ी गईं तो वहां की बहुत ऊंची चोटी पर स्थित चौरागढ़ मंदिर पर जाने की इच्छा शक्ति ने उन्हें वहां तक पहुंचने की शक्ति दी और वे वहां पहुँच गर्इं।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त की-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नसरूल्लागंज में वरिष्ठ भाजपा नेता स्वर्गीय रामचन्द्र खंडेलवाल के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री खंडेलवाल के निवास पर पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा उनके परिजनों से भेंट की।