
सीहोर। कड़ी मेहनत और लगन से नर्मदा में नाव चलाते हुए मछली पकड़ने से लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर की केनोईंग खिलाड़ी बनी है कावेरी ढीमर। कावेरी की कहानी सभी को यह प्रेरणा देती है कि अभाव एवं विपरीत परिस्थतियों में भी दृढ़ इच्छाशक्ति से और कठिन परिश्रम से आगे बढ़ा जाए तो बाधाएं भी रास्ता नहीं रोक पाती। श्रमिक परिवार में जन्मी और बचपन से ही मुसीबतों का सामना करते हुए अंतराष्ट्रीय स्तर पर कैनोइंग खिलाड़ी बनने वाली सीहोर जिले के नसरूल्लागंज के पास ग्राम चींच निवासी कावेरी ने देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कावेरी ने न केवल अपना, बल्कि अपने जिले और प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। उत्तराखंड में आयोजित 33वीं कैनो स्प्रिंट सीनियर (महिला एवं पुरुष) चैम्पियनशिप 22 से 25 अगस्त में जिले की बेटी कावेरी ढीमर ने 5 स्वर्ण पदक एवं एक रजत पदक जीता है। कावेरी ने बताया कि उन्होंने कयाकिंग व कैनोइंग की 1000, 500 व 200 मीटर की छः रेसों में से पांच स्वर्ण पदक जीते हैं। इन दिनों उनका दाखिला चंडीगढ़ युनिवर्सिटी में बीए प्रथम वर्ष में हुआ है। उन्होंने अभी नेशनल गेमों में 30 गोल्ड और एक सिल्वर जीते हैं। साथ ही 2022 में इंटरनेशनल में थाईलैंड में कैनो-4 की 200 मीटर रेस में कांस्य पदक हासिल किया था।