सीहोर : वृद्धाश्रम में मनाया गया इंजीनियर्स डे, बुजुर्गों को दिए उपहार

सीहोर। अभियंता के सम्मुख सदैव कठिन परिस्थितियों में बेहतर करने की चुनौती होती है। ऐसे में अभियंता को हमेशा सीमित संसाधनों बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। वर्तमान समय में अभियंता का योगदान और जिम्मेदारी सर्वाधिक है। इसके लिए सभी को अपने ज्ञान, संसाधन और मेहनत से बेहतर राष्ट्र का निर्माण करना होगा। उक्त विचार शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम में सीहोर इंजीनियर्स एसोसिएशन के तत्वाधान में शुक्रवार को अभियंता दिवस के अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में नगर पालिका में पदस्थ सहायक यंत्री रमेश वर्मा ने कहे। इस मौके पर एसोसिएशन के द्वारा कार्यक्रम की शुरूआत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पालिका के सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित, सीनियर इंजीनियर्स अजय भार्गव, अनवर अजमेरी और समाजसेवी पद्म जैन के पुत्र देवांश जैन आदि ने वृद्धजनों के मध्य फल वितरण और बुजुर्ग महिलाओं को साड़िय़ों का वितरण कर की। कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के प्रभारी नटवर कुशवाहा, विकास अग्रवाल, अमित जैन, बाबू सिंह आदि शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए एसोसिएशन की ओर से इंजीनियर दिनेश प्रजापति ने यहां पर मौजूद युवा इंजीनियर्स रोहित पांडे, स्नेहिल सिसौदिया, रवि मीणा, कृष्णकांत पाटीदार, आसिफ खान, मोनू जाटव, विभाष खत्री, सलमान मालिक, मनोज मालवीय, रिजवान अजमेरी, प्रतीक पारासर, पवनदीप सम्राट प्रजापति, अशुंल जैन आदि का सम्मान करते हुए कहा कि इंजीनियर ऐसा व्यक्ति है जो अपने सुपरविजन से भवन की आयु को दोगुनी कर देने की क्षमता रखता है। मैं आज क्वालिटी ऑफ वर्क पर ज्यादा ध्यान देता हूं और ठेकेदारों को समय-समय पर मार्गदर्शन देता रहता हूं, जिससे भविष्य में आने वाले मेंटेनेंस पर मकान मालिक का पैसा बच सकें। यही चीज में अपने साथी गवर्नमेंट इंजीनियरों को भी बोलना चाहता हूं, जिससे कि सरकार का मेंटेनेंस में पैसा बच सके। नपा सीएमओ श्री दीक्षित ने कहा कि आज महान अभियंता और भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है, जो भारत के महान इंजीनियरों में से एक थे। उन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना कर देश को एक नया रुप दिया है, जिसे शायद ही कोई भुला पाएं। ये दिन देश के इंजीनियरों के प्रति सम्मान और उनके कार्य की सराहना के लिए मनाया जाता है। 15 सितंबर यानी इंजीनियर डे उन लोगों को समर्पित है, जिन लोगों ने तकनीक के जरिये विकास को गति दी है। देश की कई नदियों के बांध और पुल को कामयाब व मजबूत बनाने के पीछे सर एम विश्वेश्वरैया का बहुत बड़ा हाथ है। देश में बढ़ती पानी की समस्या को भी उन्होंने ही दूर करने का प्रयास किया था।

Exit mobile version