सीहोर : बाराखंबा में लगा मेला, राममंदिर में शुरू हुई नाग देवता की सुनवाई

सीहोर। दीपावली के बाद सीहोर जिले में कई स्थानों पर पारंपरिक एवं वर्षों से चली आ रही मान्यताओं को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इसी कड़ी में इछावर तहसील के समीप स्थित बाराखंबा में मेला आयोजित किया गया तो वहीं सीहोर के समीप ग्राम लसुडिया परिहार में भगवान श्रीराम के मंदिर में नागदेवता की सुनवाई शुरू हुई। यूं तो ये आयोजन दीपावली के अगले दिन होते हैं, लेकिन इस बार दीपवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण होने के कारण कार्यक्रमों का आयोजन एक दिन बाद किया गया। इसको लेकर प्रशासन ने भी तैयारियां कर ली। इधर सलकनपुर मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में दर्शनार्थी दर्शन भी कर सकेंगे।
सीहोर जिला हमेशा अपनी मान्यताओं, परंपराओं को लेकर चर्चाओं में रहता है। सीहोर जिले में कई ऐसी मान्यताएं वर्षों से चली आ रही है, जिनका आज भी लोगों के बीच में जमकर उत्साह है। इन्हीं परंपराओं को निभाते हुए वर्षों से जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर बाराखंबा मेला लगता है। इस मेले को पशुपतिनाथ बाराखंबा मेला के नाम से भी जाना जाता है। यह मेला संभवत: मध्यप्रदेश के सबसे विशाल एवं भव्य मेलों में से एक है। यह मेला दीपावली के अगले दिन सिर्फ एक दिन के लिए लगता है, लेकिन यहां पर लाखों की तादाद में लोग पहुंचते हैं। यहां को लेकर मान्यता है कि मेले में बाराखंबा स्थित मंदिर में दूध चढ़ाया जाता है। लाखों लीटर दूध की नदी यहां पर बहती है। किसान, डेयरी संचालक सहित अन्य लोग अपने पशुओं, मवेशियों का दूध यहां पर लेकर आते हैं एवं मंदिर में चढ़ाते हैं। इससे उनके मवेशी कभी बीमार नहीं होते हैं। इस दिन यहां पर लाखों लीटर दूध चढ़ाया जाता है। इस बार दीपावली के अगले दिन सूर्यग्रहण के कारण यह मेला इस बार 26 अक्टूबर को आयोजित हो रहा है। इधर कोरोना महामारी की वजह से भी बीते दो सालों से बाराखंबा में आयोजित होने वाला मेला प्रभावित हो रहा था।
श्रीराम मंदिर में होती है नागदेवता की सुनवाई-
सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम लसुड़िया परिहार में नागदेवता की सुनवाई के लिए भगवान श्रीराम की अदालत लगाई जाती है। दरअसल लसुड़िया परिहार स्थित श्रीराम मंदिर में हर वर्ष दीपावली के अगले दिन यह परंपरा निभाई जाती है। यहां पर ऐसे लोग पहुंचते हैं, जिनको नाग ने डस लिया हो या वे उनसे परेशान हैं। नागदेवता शरीर में आते हैं और बताते हैं कि उन्होंने क्यों डसा था या क्यों वे उन्हें परेशान कर रहे हैं। दरअसल यहां पर ऐसे लोग ज्यादा पहुंचते हैं जो किसी न किसी कारण से नागदेवता से परेशान हैं या उन्हें कभी सर्पदंश हुआ हो। यहां पर नागदेवता शरीर में आते हैं। इस दौरान उनसे वचन भी लिया जाता है कि अब वे उन्हें परेशान नहीं करेंगे। श्रीराम मंदिर में इस परंपरागत आयोजन को देखने के लिए भी बड़ी संख्या मेंं लोग यहां पहुंचते हैं। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा होती है, जो सर्पदंश से पीड़ित रहे हो। इन आयोजनों को लेकर प्रशासन भी पूरी तैयारियां करता है। यहां पर लोगों को कोई असुविधाएं न हो, इसका भी पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है। आयोजन के दौरान पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहते हैं।

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