सीहोर: वन विभाग को पता नहीं, कट गया 400 एकड़ का जंगल
- अब जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर दो पक्षों में छिड़ी हुई है जंग, विभाग हो गया अपंग
सीहोर। जिले की भैरूंदा तहसील के लाड़कुई वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आनेे वालेे निमोटा जंगल में दो गुटों के बीच में सैकड़ों एकड़ जंगल की जमीन पर अधिकार को लेकर जंग छिड़ी हुई है। इस जंग के बीच मेें वन विभाग पूरी तरह अपंग नजर आ रहा है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बीच में जंगल की करीब 400 एकड़ जमीन में से 250 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके खेती को लेकर भिड़ंत चल रही है। वर्षों से यहां पर एक वर्ग द्वारा जंगल की जमीन पर कब्जा करके खेती की जा रही है, लेकिन अब दूसरा वर्ग भी इस जमीन पर अपना अधिकार बताकर इस पर कब्जा करना चाह रहा है। इन दोनों वर्गोें के बीच में अब सिर फुटव्वल तक की नौैबत आ गई है। इन लोगों ने जंगल को साफ करके उस पर बोवनी भी कर दी है। जंगल की यह जमीन 400 एकड़ से ज्यादा है, जिस पर 10-12 साल पहले तक लकड़ी लगी हुई थी, लेकिन इन वर्षों में यहां पर जंगल पूरी तरह साफ कर दिया गया है और अब उस पर खेती हो रही है।
वन विभाग सोता रहा, इधर जंगल कटता रहा-
सीहोर जिले में वन माफिया कितना सक्रिय हैै कि उसने 400 एकड़ जंगल की लकड़ी काट डाली, लेकिन वन विभाग कोे इसकी सुध ही नहीं। बुधनी विधानसभा क्षेत्र के इस जंगल को वन विभाग के जिम्मेदारोें केे सामने ही साफ कर दिया गया है। अवैध रूप से लकड़ी बेचकर वन माफिया करोड़पति बन गया है और वन विभाग मूकदर्शक की तरह देेखता रहा और अब लड़ाई के बीच मेें भी वन विभाग अपंग बना हुआ है।
जिम्मेदारों की निगरानी में कट रहा जंगल-
वन विभाग के जिम्मेेदार अधिकारियोें की निगरानी में जंगल कोे साफ किया जा रहा है। अब यह स्थिति स्पष्ट है, क्योंकि वन विभाग रात्रि गश्त करता है, अमला वनों की निगरानी करता है। ऐसे में 400 एकड़ जंगल को ही साफ कर दिया गया है। इससे साफ है कि निमोटा का जंगल लाड़कुई वन परिक्षेत्र केे जिम्मेदारों की निगरानी में ही काटा गया है। इसका विभाग के अधिकारियों को अच्छा खास कमीशन भी दिया गया है। अब जिम्मेेदार कार्रवाई को लेकर बात भी कर रहे हैैं, लेकिन इसके बाद भी लगातार वनों का काटा जा रहा है।
प्लांटेशन की जमीन है, लेकिन हो रही खेती-
लाड़कुई वन परिक्षेत्र के जिस जंगल की जमीन को लेकर अजा-जजा वर्ग के बीच में जंग छिड़ी हुई है वह जमीन प्लांटेशन की बताई जा रही है। वन विभाग का अमला कई बार जाकर यह समझाईश देकर आ गया है, लेकिन अब तक ऐसी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससेे अवैध कब्जा हटाया जा सके। दरअसल दूसरे वर्ग के लोगोें का आरोप है कि बारेला समाज के लोग 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करके खेती कर रहे हैं। अब उन्हें भी परिवार के भरण-पोषण के लिए जमीन चाहिए, ताकि वे भी खेती कर सकें। दूसरे वर्ग के लोगोें का कहना हैै कि बारेेला समाज केे लोग उनके बच्चों सेे मजदूरी कराएंगे और वे अपने बच्चों से मजदूरी नहीं करवाना चाहते। वेे अपने बच्चों के अधिकारोें के लिए जमीन की जंग लड़ रहे हैं।
इनका कहना है-
दो वर्गों के बीच में अधिकार कोे लेकर लड़ाई चल रही है। वन विभाग द्वारा कई बार जाकर इस अवैध कब्जे को लेकर कार्रवाई की गई है, प्रकरण भी बनाए गए हैं और अब उन प्रकरणों को कोेर्ट मेें पेेश किया जाएगा। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द वन विभाग की जमीन से अवैध कब्जा हटाया जाए। वहां पर पौधरोपण भी कराया जाएगा।
– सरजन जाधव, रेंजर, वन परिक्षेत्र लाड़कुई, जिला सीहोर