सीहोर : गोपाल इंजीनियर बने जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद पर काबिज हुए जीवन सिंह मंडलोई
- भाजपा के पक्ष में 11 सदस्यों ने डाले वोट, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार शशांक सक्सेना को मिले 6 वोट
सीहोर। सीहोर जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर गोपाल इंजीनियर की ताजपोशी हो गई। 11 सदस्यों ने भाजपा समर्थित अध्यक्ष पद के दावेदार गोपाल इंजीनियर को अपना वोट दिया, जबकि कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशांक सक्सेना को 6 वोट मिले। इधर उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा प्रत्याशी जीवन सिंह मंडलोई एवं कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रुखसार अनस खां के बीच मुकाबला था। इसमें भी भाजपा समर्थित प्रत्याशी आष्टा के जीवन सिंह मंडलोई की जीत हुई। उन्हें भी 11 वोट मिले। अब अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दोनों पद भाजपा की झोली में आ गए। इससे पहले कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य द्वार सहित जिला पंचायत कार्यालय को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी सहित अन्य अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाला। अब सीहोर जिले की जिला पंचायत सहित सभी पांचों जनपद पंचायतों में भी अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पदों पर भाजपा के समर्थित प्रत्याशी हो गए हैं। सीहोर जिले से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।
सीहोर जिला पंचायत चुनाव को लेकर कई दिनों से कश्मकश चल रही थी। पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद से भाजपा और कांग्रेस दोनों दल जिला पंचायत सदस्यों को लेकर तमाम दावे कर रहे थे, लेकिन अब स्थिति साफ हो गई। चुनाव के नतीजों में भाजपा समर्थित 9 प्रत्याशी जीते थे, तो वहीं कांग्रेस समर्थित 7 एवं एक प्रत्याशी प्रजातांत्रिक पार्टी से जीतकर आया था। इसके बाद जीते हुए जिला पंचायत सदस्यों की किलेबंदी भी की गई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस के पास 9 सदस्य हैं और अध्यक्ष पद पर कांग्रेस का ही कब्जा होगा।
भाजपा प्रत्याशी स्पेशल बस से पहुंचे-
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले कलेक्टर परिसर स्थित जिला पंचायत कार्यालय में कांग्रेस प्रत्याशी पहुंच गए थे। इनमें शशांक सक्सेना, राजू राजपूत, कमलेश पटेल, रुखसार अनस खां, बिजेंद्र उइके और रेव लक्ष्मण बाई शामिल थे, जबकि भाजपा के प्रत्याशी बाद में स्पेशल बस से पहुंचे। बताया जा रहा है कि बस मुख्यमंत्री निवास से सीहोर पहुंची थी। भाजपा ने अपने 9 प्रत्याशियों बनारस गौरी शंकर पटेल, जीवन मदन सिंह मंडलोई, अवंतिका फरेला, गोपाल इंजीनियर, संगीता लखन सिंह मालवीय, सुरेश चंद्र वर्मा, नामिता रघुवीर चौहान, जलज चौहान, उमा ओमप्रकाश के अलावा एक प्रजातांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी कमल देवी सिंह चौहान एवं कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रचना सुरेंद्र मेवाड़ा को मुख्यमंत्री निवास पर रोककर रखा हुआ था। चुनाव से पहले बस मुख्यमंत्री निवास से रवाना होकर सीहोर पहुंची।
प्रतिष्ठा की लड़ाई में हारी कांग्रेस-
जिला पंचायत का चुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था। भाजपा के दिग्गज नेताओं सहित संगठन के पदाधिकारी जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर लगातार सक्रिय रहे, जबकि कांग्रेस पार्टी से पूर्व विधायक एवं दिग्गज नेता रमेश सक्सेना अकेले ही किला लड़ाते नजर आए। उनके साथ न तो कांग्रेस के कोई नेता नजर आए और न ही संगठन की कोई खास भूमिका नजर आई। हालांकि यह भी सही है कि रमेश सक्सेना अकेले ही भाजपा नेताओं पर भारी भी पड़े।
सांसद रमाकांत भार्गव सहित वरिष्ठ नेताओं ने संभाला मोर्चा-
सीहोर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए भाजपा ने विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव एवं जिलाध्यक्ष रवि मालवीय को पूरी जिम्मेदारी सौंपी थी। सांसद एवं जिलाध्यक्ष संगठन की जिम्मेदारी पर एक बार फिर खरे उतरे और उन्होंने अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में डाला। सांसद रमाकांत भार्गव, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, रघुनाथ सिंह भाटी, रघुनाथ मालवीय, सुदेश राय, जसपाल अरोरा सहित अन्य पदाधिकारी, नेता पूरे समय मोर्चा संभाले रखे एवं उन्होंने चुनाव के दौरान जिला पंचायत कार्यालय में भी मौजूद रहे।
रमेश सक्सेना को अंदर जाने से रोका तो बताए नियम-
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था। इस दौरान किसी को भी जिला पंचायत कार्यालय में अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। सबसे पहले कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी अंदर पहुंचे और बाद में भाजपा के प्रत्याशियों को अंदर किया। इसके बाद सांसद रमाकांत भार्गव, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, जसपाल सिंह अरोरा सहित अन्य भाजपा नेताओं को भी अंदर जाने दिया। इसकी सूचना जब पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश सक्सेना को हुई तो वे भी जिला पंचायत कार्यालय के पास पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें एवं उनके साथ अर्जुन शर्मा निक्की को रोक दिया। इस पर उन्होंने नियम बताए और आपत्ति भी ली। रमेश सक्सेना ने कहा कि चुनाव में नियम सबके लिए एक समान होते हैं। इसके बाद रमेश सक्सेना, अर्जुन शर्मा निक्की एवं अन्य कांग्रेस नेता भी अंदर गए।
नतीजों से पहले ही हुई आतिशबाजी, बज गए ढोल-
जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव तो अंदर चल रहा था, लेकिन इससे पहले ही भाजपा समर्थित कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय के बाद मुख्य मार्ग पर जमकर आतिशबाजी कर दी एवं ढोल-ढमाके बजाकर जीत का जश्न भी बना लिया। हालांकि बाद में चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में ही आए। जीत के बाद नवनियुक्त अध्यक्ष गोपाल इंजीनियर, उपाध्यक्ष जीवन सिंह मंडलोई सहित सभी भाजपा प्रत्याशी बाहर आए और उन्होंने जीत का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद रमाकांत भार्गव को दिया।
कलेक्टर ने सौंपे जीत के प्रमाण-पत्र-
जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन के बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर ने अध्यक्ष पद पर जीते गोपाल इंजीनियर एवं उपाध्यक्ष जीवन सिंह मंडलोई को जीत के प्रमाण -पत्र सौंपे।