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सीहोर को मिल गया अपना ‘प्रिंस’

- नगर पालिका अध्यक्ष पद पर प्रिंस राठौर की हुई ताजपोशी, उपाध्यक्ष बने भाजपा के विपिन सास्ता

सुमित शर्मा, सीहोर
9425665690
आखिरकार सीहोर के नगरवासियों को प्रिंस राठौर के रूप में नया ‘प्रिंस’ मिल गया। उन्हें नगर पालिका परिषद सीहोर का नया अध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष पद के लिए प्रिंस राठौर एवं सीताराम यादव में शह-मात का खेल चल रहा था। आखिरकार इस खेल में प्रिंस राठौर ने सीताराम यादव को मात देकर अध्यक्ष पद पर अपनी ताजपोशी करवा ली। उपाध्यक्ष पद पर भी भाजपा के विपिन सास्ता को चुना गया है। इससे पहले नगरीय निकाय चुनाव में प्रिंस राठौर वार्ड नंबर 15 से निर्विरोध भी चुने गए थे और अब उन्हें नगर का प्रथम नागरिक चुन लिया गया है।
रात में चर्चा, सुबह हुई रायशुमारी एवं वोटिंग-
नगर पालिका परिषद सीहोर में अध्यक्ष पद को लेकर चल रही मशक्कत के बीच में गुरुवार रात को भाजपा ने अपने सभी पार्षदों को सीहोर के एक होटल में ठहराया। यहां पर भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, नगर निगम अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए रामदयाल प्रजापति, पूर्व सांसद आलोक संजर सहित अन्य वरिष्ठों ने भाजपा पार्षदों से चर्चा की। सभी पार्षद रात होटल में ही रुके। सुबह से सभी क्रिसेंट रिसोर्ट पहुंचे। यहां पर रायशुमारी की गई। बताया जा रहा है कि रायशुमारी में भी ज्यादातर पार्षदों ने प्रिंस राठौर के नाम पर सहमति जताई। इसके बाद यहां पर सभी पार्षदों की वोटिंग भी कराई गई। वोटिंग में भी प्रिंस राठौर को अधिक वोट मिले। इसके बाद जिलाध्यक्ष रवि मालवीय ने प्रिंस राठौर के नाम की अधिकृत घोषणा कर दी।
भाजपा से प्रिंस राठौर, कांग्रेस से राजीव गुजराती रहे प्रत्याशी-
सुबह करीब 10.30 बजे भाजपा के कुछ पार्षद क्रिसेंट रिसोर्ट से नगर पालिका परिषद कार्यालय पहुंचे। इसके बाद करीब 11.30 बजे विधायक सुदेश राय सीताराम यादव सहित अन्य पार्षदों को लेकर पहुंचे। यहां पर भाजपा से प्रिंस राठौर तो कांग्रेस से राजीव गुजराती ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। अध्यक्ष पद के लिए हुई वोटिंग में सभी 35 पार्षदों ने वोट डाले। इसमें से 24 वोट प्रिंस राठौर को एवं 10 वोट कांग्रेस के राजीव गुजराती को मिले। एक वोट निरस्त हो गया। यहां बता दें कि इस बार सीहोर के 35 वार्डों में से 22 पर भाजपा, 9 पर कांग्रेस एवं चार निर्दलीय पार्षदों की जीत हुई है। अध्यक्ष पद के लिए हुई वोटिंग में तीन निर्दलीय पार्षदों ने भाजपा के पक्ष में वोट किया है, जबकि एक निर्दलीय ने कांग्रेस को वोट दिया।
समर्थकों ने मनाई खुशियां, की आतिशबाजी-
नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए प्रिंस राठौर की जीत के साथ ही बाहर खड़े समर्थकों ने जमकर खुशियां मनार्इं एवं आतिशबाजी की। इस दौरान ढोल-ढमाकों की धुन पर समर्थकों ने डांस भी किया। अध्यक्ष पद के निर्वाचन के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने अपने समर्थकों का अभिवादन भी स्वीकार किया और सभी का आभार माना।
प्रिंस राठौर एक बार फिर बने सिरमौर-
नगरीय निकाय चुनाव में इस बार कांटे का मुकाबला था। हालांकि इस कांटे के मुकाबले के बीच में प्रिंस राठौर को वार्ड नंबर 15 से निर्विरोध पार्षद चुना गया। निर्विरोध जीत के साथ ही प्रिंस राठौर ने सिद्ध कर दिया था कि वे राजनीति के चाणक्य हैं और अब नगर पालिका अध्यक्ष बनने के बाद वे एक बार फिर सिरमौर बन गए हैं। उनका पलड़ा शुरू से ही भारी चल रहा था। हालांकि इस बार सीहोर जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता सीताराम यादव को भी संगठन से हरी झंडी मिली थी। इसके बाद उन्होंने वार्ड नंबर 9 से चुनाव लड़ा एवं रिकार्ड मतोें से जीत भी हासिल की, लेकिन वे अध्यक्ष नहीं बन पाए।
उपाध्यक्ष पद के लिए पांच नामांकन हुए थे दाखिल-
अध्यक्ष पद के निर्वाचन के बाद उपाध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें पांच पार्षदों ने नामांकन दाखिल किए। इनमें कमलेश राठौर, वर्षा घनश्याम यादव, मुकेश मेवाड़ा, इरफान खान लाला और विपिन सास्ता नाना का नाम शामिल था। हालांकि बाद में तीन पार्षद कमलेश राठौर, मुकेश मेवाड़ा और इरफान खान लाला ने अपने नामांकन वापस ले लिए। उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन भाजपा के विपिन सास्ता नाना एवं कांग्रेस की वर्षा घनश्याम यादव के बीच में हुआ। इसमें भाजपा के विपिन सास्ता नाना को उपाध्यक्ष चुना गया। उन्हें कुल 23 जबकि कांग्रेस की वर्षा घनश्याम यादव को 12 वोट मिले।
उपाध्यक्ष चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग-
नगर पालिका परिषद में उपाध्यक्ष पद के लिए हुई निर्वाचन प्रक्रिया में क्रॉस वोटिंग भी हुई। दरअसल अध्यक्ष पद के लिए 24 भाजपा को 10 कांग्रेस को वोट मिले थे, जबकि एक निरस्त हो गया। उपाध्यक्ष पद के लिए हुई निर्वाचन प्रक्रिया में भाजपा को 23 वोट मिले और कांग्रेस को 12 वोट मिले। ऐसे में दो पार्षदों ने कांग्रेस के प्रत्याशी वर्षा घनश्याम यादव को अपना वोट दिया। इसको लेकर भी चर्चाएं होती रहीं कि आखिरकार ये क्रॉस वोटिंग किसने की।
पार्षद बने किंगमेकर-
इस बार अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के पार्षदों ने किंगमेकर की भूमिका निभाई। पार्षदों द्वारा ही अध्यक्ष चुना गया। ऐसे में भाजपा के पार्षद सहित निर्दलीय पार्षद किंगमेकर बनकर सामने आए। हालांकि बहुमत भाजपा के पास शुरू से ही था, लेकिन भाजपा में ही अध्यक्ष पद को लेकर मशक्कत चल रही थी। इसमें प्रिंस राठौर ने बाजी मारी। प्रिंस राठौर के पक्ष में शुरू से ही पार्षदों का बहुमत था।

 

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