सीहोर : लापरवाही पर चला  मानवाधिकार का डंडा, कलेक्टर-सीएमएचओ से मांगा जवाब

- मानवाधिकार आयोग ने अलग-अलग मामलों में मांगा जबाव

सीहोर। मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में लगातार प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है।  सबसे ज्यादा लापरवाही जिला चिकित्सालय के देखने को मिल रही है। जिला चिकित्सालय में पिछले दिनों सीहोर जिले में पदस्थ जज के ड्राइवर की मौत लापरवाही के कारण हो गई। इधर एक अन्य मामले में बुधनी में बालक छात्रावास में रात को सोते समय पंखा टूटकर सो रहे छात्र पर गिर गया, जिससे छात्र घायल हो गया। इन दोनों लापरवाही के मामलों को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान में लेकर जिला कलेक्टर एवं सीएमएचओ से 3 सप्ताह में जांच सहित प्रतिवेदन मांगा है।
जिला जज के ड्राइवर को भी समय पर नहीं मिला ईलाज –
जिला अस्पताल सीहोर में लापरवाही के मामले थम नहीं रहे हैं। हाल ही में जिला जज के ड्राइवर को हार्टअटैक आने पर परिजन उसे जिला अस्पताल लाए थे, लेकिन यहां उसकी ईलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि मरीज को समय पर ईलाज नहीं मिला, जिसके चलते उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात जूनियर डाक्टर्स ने मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की बजाय इमरजेंसी रूम में ही ईलाज किया। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर मृतक के अस्पताल में पहुंचने से मृत्यु तक की अवधि के उपलब्ध ईलाज के दस्तावेजों की प्रतियों सहित तीन सप्ताह में स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा है।
छात्रावास में सो रहे छात्र पर गिरा पंखा –
सीहोर जिले के बुधनी नगर में अनुसूचित जाति सीनियर बालक उत्कृष्ट छात्रावास में बीती रात में सीएम राइज स्कूल में पढ़ने वाले छात्र आयुष कुमार के उपर पंखा गिर गया। पंखा गिरने से छात्र को पेट में अंदरूनी चोटें आई हैं। छात्रावास अधीक्षक ने मामले को दबाने के लिए आनन-फानन में पंखा लगवा दिया। वहीं इस मामले में अधीक्षक ने इस घटना को गंभीरता से भी नहीं लिया है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर छात्रावास में सुरक्षा एवं आहत छात्र आषुष कुमार के समुचित ईलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
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