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सीहोर में कड़ाके की ठंड का ‘ऑरेंज अलर्ट’, 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ेगी जनवरी, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की विशेष एडवायजरी

सीहोर। जिले में शीत लहर का प्रकोप बढऩे के साथ ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में ठंड बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
शासकीय कृषि कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर के अनुसार बीते 10 साल के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर में सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी हवाएं कड़ाके की ठंड लाती हैं। आगामी दिनों में हवा की दिशा बदलने से मावठा गिरने की भी संभावना है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पिछले दिनों यह 5.0 डिग्री तक गिर चुका है।
स्वास्थ्य विभाग की एडवायजरी
आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी के निर्देशानुसार कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जिले के सभी चिकित्सा अधिकारियों को तैयार रहने को कहा गया है। विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए यह मौसम बेहद संवेदनशील है।
क्या करें
वस्त्रों की परतें: एक भारी कपड़े के बजाय कई परतों में गर्म कपड़े पहनें। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को टोपी, मफलर व मोजों से ढंक कर रखें।
खान-पान: पर्याप्त मात्रा में गर्म तरल पदार्थ लें। संतुलित आहार के साथ विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करें ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
सतर्कता: रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से मौसम की अपडेट लेते रहें।
क्या न करें
– अत्यधिक ठंड में खुले स्थानों पर अनावश्यक रूप से न घूमें।
– गीले कपड़े पहनकर न रहें, इससे शरीर का तापमान तेजी से गिर सकता है।
– गंभीर ठंड के लक्षणों जैसे सुन्नता या भ्रम को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट से रहें सावधान
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक ठंड से शरीर हाइपोथर्मिया का शिकार हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज कंपकंपी, बोलने में कठिनाई, अत्यधिक थकान और भ्रम की स्थिति शामिल है। वहीं हाथ-पैर की उंगलियों या नाक का सुन्न होकर सफेद या पीला पडऩा फ्रॉस्टबाइट के संकेत हैं। ऐसी स्थिति होने पर पीडि़त को तुरंत गर्म स्थान पर ले जाएं, सूखे कंबल से ढंकें और अस्पताल पहुंचाएं।

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