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सीहोर: कुबेरेश्वर धाम से कई बहनें गायब, रक्षाबंधन मनाया, 1100 लड्डुओं का लगा भोग

- जिलेभर में पारंपरिक रूप से मनाया गया राखी का त्यौहार, बहनों ने बांधा भाइयों को रक्षा सूत्र

सीहोर। जिलेभर में भाई-बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन पारंपरिक एवं श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। इस दौरान बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधा तो वहीं भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन दिया। सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी कुबेरेश्वर धाम पर भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इस दौरान यहां पर 1100 लड्डुओं का भोग भी लगाया गया। हालांकि कुबेरेश्वर धाम से कई बहनों के गायब होने की सूचना सोशल मीडिया पर चल रही हैं। ये महिलाएं अपने परिवारों के साथ में सावन मास एवं कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए यहां पहुंची थी, लेकिन अब गायब बताई जा रही हैं। मंडी थाने से प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां पर 5 लोगों के गुम होने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिनमें से कुछ लोग मिल भी गए हैं और उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
धूमधाम से मना रक्षाबंधन-
सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ कुबेरेश्वरधाम पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने रक्षाबंधन पर्व पर बाबा को 1100 लड्डुओं का भोग लगाया और विशेष श्रंगार किया। इस मौके पर सुबह और शाम को आरती की गई एवं यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया गया। शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास और उमंग से मनाया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी था। इसके अलावा सावन पूर्णिमा पर बाबा का विशेष अभिषेक किया गया। हर दिन अभी भी सैकड़ों की संख्या में कांवडिया आस्था और उत्साह के साथ धाम पर आ रहे हैं। शनिवार को प्रयागराज, महाराष्ट्र से आए कांवड के जत्थे का विठलेश सेवा समिति ने स्वागत-सम्मान किया। समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि भाई-बहन के अटूट बंधन और स्नेह का प्रतीक यह त्यौहार पूरे उत्साह से मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर हल्दी, रोली, कुमकुम और चंदन से तिलक किया। उन्होंने भाइयों का मुंह मीठा करवाया और उनकी तंदुरुस्ती व दीर्घायु की कामना की। भाइयों ने भी अपनी बहनों की आजीवन रक्षा करने का संकल्प लिया।
24 घंटे में 10 के लापता की सूचना-
सीहोर की सीवन नदी से कुबेरेष्वर धाम तक पिछले दिनों निकली कावड़ यात्रा में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान जहां 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है तो वहीं अब खबरें आ रही हैं कि यहां आए लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए हैं। बाहर के लोग यहां स्थानीय समाजसेवियों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से अपनों को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के सोशल मीडिया के फेसबुक पेज पर 24 घंटे में 10 लोगों की मिसिंग की जानकारी पोस्ट की है। इनमें मधु पांडे निवासी दिल्ली, निर्दली देवी पति रामशिरोमणि निवासी ग्राम बहुता चकडाही तहसील सुरियावां जिला भदोही उत्तरप्रदेश, पूनम पांडेय पति उपेन्द्र पांडेय निवासी भागलपुर बिहार, रम्भा भट्ट की 14 साल की भांजी निवासी रायगढ़ छत्तीसगढ़, केसर यादव उम्र 62 साल निवासी अम्बाला केंट हरियाणा, उषा देवी उम्र 55 साल निवासी फुलवारी शरीफ पटना बिहार, चंचल उम्र 23 साल, सुनीता बुचाले निवासी परभणी क्रांतिनगर गंगाखेड़ रोड जिला परभणी, किसना बाई गाडगे निवासी परभणी क्रांतिनगर गंगाखेड़ रोड जिला परभणी, शांताबाई भोसले निवासी क्रांतिनगर गंगाखेड़ रोड जिला परभणी के गायब होने की सूचनाएं हैं।
इनका कहना है-
कुबेरेष्वर धाम से कुछ महिलाएं एवं पुरूषों की मिसिंग होने की सूचना आईं थीं, लेकिन कई लोग मिल गए हैं और उन्हेें उनके परिजनों के सुपुर्द भी कर दिया गया है। अन्य लोगों की खोजबीन भी की जा रही है।
– सुनील मेहर, थाना प्रभारी मंडी, जिला-सीहोर
ब्रह्माकुमारीज सीहोर सेवा केंद्र पर रक्षाबंधन पर हुआ कार्यक्रम
ब्रह्माकुमारीज सीहोर सेवा केंद्र पर रक्षाबंधन के पावन अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप शैलेन्द्र राय उपस्थित थे। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बहनों का रक्षाबंधन मनाने का तरीका अलौकिक है। यहां आकर मुझे शांति एवं ऊर्जा का अद्भुत अनुभव मिला। हम दीदी के साथ मिलकर 152 स्कूलों में बच्चों को राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा देना और नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम करेंगे। सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी पंचशीला दीदी ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक अर्थ को विस्तार से समझाया। रक्षाबंधन केवल धागा बांधने का त्यौहार नहीं, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के पवित्र संबंध का प्रतीक है। यह बंधन हमें बुराइयों से रक्षा करने और सद्गुणों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम के दौरान दीदी ने माउंट आबू राजस्थान हेड ऑफिस से आई परमात्म प्रेम भरी राखी दिखाते हुए पत्र सुनाया एवं सभी भाई-बहनों को पवित्र राखी बांधी और ईश्वर से जुड़े रहने का संकल्प दिलाया। साथ ही केंद्र में आने वाले सभी लोगों ने इस अवसर पर अपने जीवन में शांति, प्रेम और सदाचार को अपनाने का संकल्प लिया। अंत में सभी उपस्थितजनों ने इस पवित्र पर्व को आध्यात्मिक उमंग और उत्साह के साथ मनाया।

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